वित्त रहित शिक्षकों का आंदोलन

28 अगस्त को वित्त रहित शिक्षकों की महत्वपूर्ण बैठक। आंदोलन की रणनीति और मांगों पर होगी चर्चा।

झारखंड/बिहार रोज़गार समाचार

झारखंड राज्य के सभी वित्त रहित इंटर कॉलेज, उच्च विद्यालयों, संस्कृत विद्यालयों एवं मदरसा विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधानाचार्य एवं शिक्षक प्रतिनिधियों की एक आवश्यक बैठक मोर्चा के आवाहन पर बुलाई गई है। यह बैठक दिनांक 28 अगस्त 2024, बुधवार को सर्वोदय बाल निकेतन, उच्च विद्यालय, धुर्वा, रांची में दोपहर 12:00 बजे से आयोजित की जाएगी।

ज्वलंत मुद्दों पर विचार

इस बैठक में वित्त रहित संस्थाओं से संबंधित ज्वलंत मुद्दों के समाधान के लिए आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। इसके साथ ही, आंदोलन के अगले चरण पर भी विचार किया जाएगा। वर्तमान में राज्य सरकार के विचाराधीन चल रहे कुछ गंभीर मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें प्रमुख विषय निम्नलिखित हैं:

  1. राज्य कर्मी का दर्जा:
    वित्त रहित शिक्षक कर्मचारियों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए संचिका नियमावली बनाने हेतु कार्मिक विभाग में प्रस्ताव गया है। इस पर की गई कार्रवाई पर चर्चा की जाएगी।
  2. अनुदान बढ़ोतरी:
    75% अनुदान बढ़ोतरी की संचिका शिक्षा सचिव के पास निस्तारण के लिए लंबित है। इस पर मंत्री से हुई वार्ता और की गई कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
  3. शेष अनुदान की प्राप्ति:
    27% स्वीकृत शेष अनुदान की राशि और खूंटी जिला एवं पश्चिमी सिंहभूम जिले के स्वीकृत लैप्स अनुदान की राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। इस पर विचार किया जाएगा कि यह राशि कैसे प्राप्त की जा सकती है।
  4. शिक्षकों के खाते में राशि:
    शिक्षक कर्मचारियों के खाते में अनुदान राशि कैसे भेजी जा सकती है, इस पर भी चर्चा की जाएगी।

बैठक में उपस्थिति

मोर्चा ने राज्य के सभी वित्त रहित संस्थाओं के प्राचार्यों, प्रधानाचार्यों और शिक्षक प्रतिनिधियों से इस बैठक में आवश्यक रूप से उपस्थित होने का आवाहन किया है। बैठक में आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे और आंदोलनात्मक निर्णय लेने हेतु विचार-विमर्श किया जाएगा।

मोर्चा के नेताओं का संदेश

मोर्चा के नेताओं, जैसे कुंदन कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, अरविंद सिंह, देवनाथ सिंह, चन्द्रेश्वर पाठक, मनीष कुमार, गणेश महतो, संजय कुमार, नरोत्तम सिंह, अनिल तिवारी, रघु विश्वकर्मा, रणजीत मिश्रा, एन के सिंह, विरसो उराव, रेशमा बेक, मनोज कुमार तिर्की, दिलीप घोष ने सभी प्राचार्य एवं प्रधानाचार्यों से आग्रह किया है कि वे इस बैठक में उपस्थित होकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। इसके साथ ही, आंदोलनात्मक निर्णय लेने में अपना सहयोग प्रदान करें, ताकि अपने अधिकारों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *