Indian Institute of Architects (IIA) Jharkhand chapter ने रांची के सरला बिरला यूनिवर्सिटी में पर्यावरण जागरूकता से संबंधित कार्यक्रम रखा। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश ‘’ जल संरक्षण एवं उसका पुनः उपयोग ‘’ पर विशेष चर्चा रखी गयी। कार्यक्रम में पर्यावरण बचाव की नयी तकनीक की गुणवत्ता देखने के लिए झारखण्ड के 50 वरिष्ठ आर्किटेक्ट और BIT मेसरा के फैकल्टी ने भाग लिया।
कार्यक्रम में सरला बिरला यूनिवर्सिटी के VC गोपाल पाठक ने Environment साइंस पर जानकारी देते हुए कहा कि, सरला बिरला यूनिवर्सिटी का कैंपस 44 एकड़ में फैला है। इसमें ग्रीन एरिया के साथ-साथ STP, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नयी तकनीक से बनाई गई है। कैंपस पलानिंग में रांची के आर्किटेक्ट अरुण कुमार का मार्ग दर्शन रहा है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विनय कुमार सिंह ने कहा कि, हमलोग विश्विद्यालय कैंपस को ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन के लिए कार्य कर रहे है।
STP एक्सपर्ट डॉ. रजनीकांत विद्याधर ने कहा कि, पूरे कैंपस में 30 KLD कैपासिटी का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है। जिसे बनाने में 15 लाख लागत आयी है। इसे बनाने के लिए 1200 वर्ग फीट क्षेत्र की ज़रूरत थी। यह MBBR ( Moving Bed Bio Reactor) फिल्टर तकनीक से काम करता है। इसमें 4 स्टेज के टैंक होते हैं। जो स्वतः संचालित होते हैं। पानी को शुद्ध करके बिल्डिंग नवनिर्माण में उपयोग किया जाता है।
इस मौके पर IIA Jharkhand chapter के चेयरमैन अतुल सर्राफ ने कहा कि, पर्यावरण को ग्रीन करने क साथ साथ ग्रीन बिल्डिंग पर फोकस करना चाहिए। इसके तहत सोलर सिस्टम और वाटर रि- साइकिल सिस्टम को हर बिल्डिंग में करना चाहिए।
कार्यक्रम में आर्किटेक्ट समृति मिश्रा, अनुराग कुमार, अनुपमा देवी, नितेश पॉल नाग, गोपीकांत महतो, अनूप कुमार, हर्ष राज, सौरव टोप्पो, दिव्या सिंह, प्रिया अग्रवाल, अतुल अग्रवाल, निखिल जैन, शिखर श्रेष्ठ, मयंक कुमार, अभिषेक सिंह और हिमांशु मौजूद रहे।