प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय झारखंड दौरे से राज्य का राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। पीएम ने जहां सीधे-सीधे इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के साथ राहुल गांधी को निशाने पर लिया तो विपक्षी पार्टियों ने भी पीएम मोदी की जमकर आलोचना की। चाईबासा, पलामू और सिसई के साथ ही रांची के रोड शो के बाद भाजपा प्रदेश इकाई के हौसले बुलंद हैं। पार्टी को भरोसा है कि, इस बार 14 लोकसभा सीटों में से सभी सीटों पर NDA गठबंधन विजय हासिल करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने आरक्षण को लेकर इंडिया गठबंधन को घेरा।
अपनी सभाओं में प्रधानमंत्री ने कहा कि, उनके आगे पीछे कोई नहीं है। वे भारतवर्ष को सर्वोच्च स्थान पर लेकर जाएंगे। इंडिया गठबंधन के लोग परिवारवाद की राजनीति करते हैं। सिर्फ परिवार के लिए ही उनकी राजनीति केंद्रित है। झारखंड के संदर्भ में भी उन्होंने भ्रष्टाचार और लूट की चर्चा की। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस सांसद के यहां लाखों करोड़ों रुपए की जो बरामदगी हई वो पैसा आप लोगों का है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के मूल विषयों को लेकर के बात नहीं की। पिछले दिनों झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्रधानमंत्री से चार सवाल पूछे थे जिसमें सरना धर्म कोड एक महत्वपूर्ण विषय था। प्रधानमंत्री ने अपनी सभा में सरना धर्मकोड की चर्चा नहीं की। कांग्रेस का कहना है कि, प्रधानमंत्री अपने 10 साल के कामकाज के आधार पर वोट नहीं मांग रहे हैं बल्कि वे देश को दिगभ्रमित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा राहुल गांधी को लगातार निशाने पर लिए जाने और उन्हें शहजादा कहकर पुकारे जाने पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि, राहुल गांधी शहजादे नहीं बल्कि शहीदजादे हैं। गांधी परिवार ने देश की आजादी से पहले और देश की आजादी के बाद अपना खून पसीना बहाया है।