सोरेन परिवार की पुत्रवधू सीता सोरेन से भाजपा के सह चुनाव प्रभारी हेमंत विश्व शर्मा ने उनके आवास पर मुलाकात की। हेमंत सोरेन की रिहाई के दौरान जब पूरा परिवार एकजुट नजर आ रहा था। उस दौरान सीता सोरेन वहां नहीं थी। परिवार से दूरी और झामुमो छोड़ने के बाद सीता सोरेन को भाजपा का ही सहारा है।
सीता सोरेन और बीजेपी का गठजोड़
लोकसभा चुनाव से पहले सीता सोरेन ने भाजपा का दामन थाम लिया। बीजेपी ने उन्हें दुमका लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी सभी रिजर्व आदिवासी सीटों पर हार गई, जिससे पार्टी के लिए यह खतरे की घंटी बन गई।
हेमंत सोरेन जेल से बाहर और भाजपा चुनाव सह प्रभारी का झारखंड दौरा।
झारखंड में बीजेपी की रणनीति
इस स्थिति में बीजेपी ने अपने दो बड़े चेहरों को झारखंड भेजा है, जिसमें चुनाव प्रभारी केसीता सोरेन तौर पर शिवराज सिंह चौहान और सह चुनाव प्रभारी के तौर पर हेमंत विश्व शर्मा को मैदान में उतारा। जिम्मेदारी मिलने के बाद, अपने दूसरे झारखंड दौरे के दौरान, हेमंत विश्व शर्मा ने जनजाति समाज के अपने नेताओं से मुलाकात की, जिसमें सीता सोरेन और उनके परिवार से भी मुलाकात शामिल है।
सीता सोरेन की राजनीतिक स्थिति
सीता सोरेन इस वक्त अपने सबसे मुश्किल राजनीतिक दौर से गुजर रही हैं। ऐसे में अगर उन्हें पार्टी का सहारा नहीं मिला, तो उनके लिए रास्ता और भी मुश्किल हो जाएगा। यही वजह है कि हेमंत विश्व शर्मा ने उनके आवास में जाकर उनसे मुलाकात की और पार्टी का पूरा समर्थन जताया।
राजनीतिक अनिश्चितता का खेल
राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है। यह कहना मुश्किल है कि सीता सोरेन कब तक बीजेपी में रहेंगी। क्या उनकी विचारधारा और परवरिश बीजेपी से मेल खाती है? अगर वे झारखंड मुक्ति मोर्चा लौटी भी, तो क्या उन्हें वह सम्मान और पद मिल पाएगा? यह भी कहना मुश्किल है।
बीजेपी की आदिवासी रणनीति
फिलहाल, सीता सोरेन बीजेपी में एक बड़ा आदिवासी चेहरा बनकर सामने आई हैं। चंद महीनों के बाद झारखंड में विधानसभा चुनाव हैं।बीजेपी आदिवासी सीटों और आदिवासी समाज को अपने पाले में करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। इसी कड़ी में हेमंत विश्व शर्मा ने सीता सोरेन से मुलाकात की है।