झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने वित्त मंत्री श्री रामेश्वर उरांव और कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह की उपस्थिति में एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में राज्य के वरीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने मौजूदा मॉनसून की स्थिति पर चिंता जताई, जिसमें ज्यादातर जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है।
अगली बारिश की स्थिति पर चिंता
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अगले कुछ दिनों तक बारिश की स्थिति में सुधार नहीं होता, तो किसानों को राहत देने के लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ समय पर पूरी कर ली जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी जिलों में बारिश का आकलन और फसलों की बुवाई की स्थिति पर नजर रखें और अलर्ट मोड में रहें।
नीति आयोग की बैठक में चर्चा
मुख्यमंत्री ने बताया कि कमजोर मॉनसून का सीधा असर धान और अन्य फसलों की बुवाई पर पड़ रहा है, जिससे बड़ी संख्या में किसान प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कम बारिश के कृषि कार्य पर प्रभाव को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। इस रिपोर्ट को नीति आयोग की बैठक में मजबूती के साथ प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि केंद्र सरकार से किसानों के लिए सहायता प्राप्त की जा सके।
सिंचाई और वैकल्पिक कृषि की तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कम बारिश की स्थिति कुछ और दिनों तक बनी रहती है, तो इसके समाधान के लिए एक पूरी रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं की कार्यवाही में तेजी लाने और खेतों में पटवन की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, वैकल्पिक कृषि उपायों की तैयारी भी करने की सलाह दी।
नई सिंचाई योजनाओं की संभावनाएँ
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के सभी जिलों में बारिश का निरंतर आकलन किया जाए। जिन क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश की स्थिति बनी रहती है, वहां किसानों को राहत देने के लिए नई सिंचाई योजनाओं की कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने उन क्षेत्रों का सर्वे कराने का निर्देश दिया जहां पानी की कमी है और नई सिंचाई परियोजनाओं की संभावनाओं की तलाश की जाए।
बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में राज्य के मुख्य सचिव एल. खियांग्ते, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार और जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार उपस्थित थे।