झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज 49 साल के हो गए हैं। उन्होने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जो लिखा वो भावुक करने वाला है। हेमंत सोरेन लिखते हैं कि, आज अपने जन्मदिन के मौके पर, बीते एक साल की सबसे प्रमुख स्मृति मेरे मन में अंकित है – वह है जेल से रिहा होते समय मुझे लगाया गया कैदी का निशान। यह निशान केवल मेरा निजी अनुभव नहीं है, बल्कि हमारे लोकतंत्र की वर्तमान चुनौतियों का प्रतीक भी है।
लोकतंत्र की चुनौतियां
जब एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी ठोस सबूत, बिना किसी शिकायत, और बिना किसी अपराध के 150 दिनों तक जेल में रखा जा सकता है, तो फिर आम आदिवासियों, दलितों, और शोषितों के साथ क्या हो सकता है – यह कहने की जरूरत नहीं है। यह स्थिति हमारे लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती है।
संकल्प को मजबूत करना
इसलिए, आज के दिन मैं और भी अधिक कृतसंकल्पित हूँ कि हर शोषित, वंचित, दलित, पिछड़े, आदिवासी, और मूलवासी के पक्ष में लड़ने के अपने संकल्प को और मजबूत करूंगा। मैं उन सभी व्यक्तियों और समुदायों के लिए आवाज उठाऊंगा जिन्हें दबाया गया है, जिनसे न्याय छीना गया है, और जिन्हें उनके रंग, समुदाय, खानपान, या पहनावे के आधार पर सताया जा रहा है।
न्यायपूर्ण समाज की दिशा में
हमें एकजुट होकर एक ऐसे समाज का निर्माण करना होगा, जहां कानून सभी के लिए समान हो और सत्ता का दुरुपयोग न हो। यह रास्ता आसान नहीं होगा, हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम मिलकर इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं, क्योंकि हमारे देश की एकता और विविधता में ही हमारी शक्ति निहित है।
आभार और शुभकामनाएं
पुनः, मैं आप सभी के स्नेह, दुआ, आशीर्वाद, और आज के दिन दिए गए अपनापन के लिए धन्यवाद करता हूं।