भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का हेमंत सरकार पर हमला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि उत्पाद सिपाही भर्ती की अधिसूचना 8 अगस्त को जारी की गई, 14 अगस्त को एडमिट कार्ड दिए गए और शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए 22 अगस्त से दौड़ का आयोजन किया गया। ऐसे में, महज 15 दिनों में अभ्यर्थियों को दौड़ की तैयारी करने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाया।
भादो की उमस भरी गर्मी में दौड़ आयोजन से हुई मौतें
मरांडी ने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भादो की उमस भरी गर्मी में दौड़ का आयोजन करवाने के कारण राज्य के 10 बेरोजगार युवकों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि सरकार ने भर्ती केंद्रों पर न तो पीने के पानी की व्यवस्था की न शौचालय की और न ही महिलाओं के लिए छोटे बच्चों को स्तनपान कराने की कोई व्यवस्था की। ऐसी अव्यवस्था के कारण ही बेरोजगार युवा अपनी जान गंवा रहे हैं।
मरांडी ने उठाए सरकार पर सवाल
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “हेमंत जी, लगता है आपने नौकरी देने के बजाय मौत बांटने का इंतजाम कर दिया है।” उन्होंने पूछा कि आखिर इन बेरोजगार युवकों की मौत का जिम्मेदार कौन है? मरांडी ने मांग की कि राज्य सरकार इन मौतों की न्यायिक जांच कराए और मृत युवकों के आश्रितों को उचित मुआवजा तथा सरकारी नौकरी उपलब्ध कराए।
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का बयान
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उत्पाद विभाग की भर्ती प्रक्रिया में 1 घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती है, जिससे कई छात्र गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं और कुछ की मौत भी हो चुकी है।
भर्ती प्रक्रिया पर सवाल
अमर कुमार बाउरी ने उत्पाद विभाग की भर्ती को तुगलकी फरमान बताया और कहा कि राज्य सरकार ने 5 साल में नौकरी का वादा पूरा नहीं किया। लेकिन जब युवाओं का आक्रोश बढ़ा और विपक्ष का दबाव महसूस हुआ, तो आनन-फानन में भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई। बाउरी ने मांग की कि इस दौड़ में जिन छात्रों की मौत हुई है, उनके परिजनों को मुआवजा दिया जाए और मेडिकल टीम गठित कर मानकों के अनुसार दौड़ का आयोजन किया जाए।