राज्यपाल ने नालंदा विश्वविद्यालय की गौरवमयी विरासत को किया नमन
झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने नालंदा विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह प्राचीन भारत का ऐसा केंद्र था, जिसने विश्वभर को ज्ञान से आलोकित किया। उन्होंने कहा कि यहां का ज्ञान आज भी समाज और संस्कृति को प्रेरणा देता है।
भारतीय ज्ञान परंपरा की वैश्विक महत्ता
राज्यपाल ने भारतीय ज्ञान परंपरा की विशेषताओं को उजागर किया। उन्होंने वेद, उपनिषद, आयुर्वेद, गणित, खगोलशास्त्र और योग को भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए कहा कि ये आज भी बौद्धिक और आत्मिक विकास में सहायक हैं।
भारतीय भाषाओं की सांस्कृतिक और शैक्षणिक भूमिका
राज्यपाल ने भारतीय भाषाओं को हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा न केवल आत्मविश्वास बढ़ाती है, बल्कि छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से मातृभाषा में शिक्षा को प्राथमिकता देना एक दूरदर्शी कदम है।
साइबर सुरक्षा: डिजिटल युग की चुनौतियाँ
राज्यपाल ने साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए इसे आधुनिक युग की गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करना आवश्यक है, ताकि व्यक्तियों और समाज को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।
ज्ञानकुंभ की सराहना और “विकसित भारत @2047” का आह्वान
राज्यपाल ने ज्ञानकुंभ में प्रदर्शित भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़े नवाचारों और शोध कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने “विकसित भारत @2047” के लक्ष्य को साकार करने में सभी से सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।
भारत को पुनः बनाएंगे विश्वगुरु
उन्होंने सभी से एक ऐसे भारत के निर्माण का संकल्प लेने की अपील की, जहाँ भारतीय ज्ञान, विज्ञान, और संस्कृति वैश्विक स्तर पर श्रेष्ठता प्राप्त करें।