सरना धर्म पर सरकार की चोट, पेसा कानून लागू नहीं कर रही झारखंड सरकार: आजसू.

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सरना स्थल विवाद पर आजसू का हमला: आदिवासी संस्कृति से खिलवाड़ कर रही है सरकार – देवशरण भगत

मुख्य बिंदु:

  • सिरम टोली सरना स्थल पर रैंप निर्माण को लेकर सरकार पर आदिवासी विरोधी मानसिकता का आरोप

  • झारखंड बंद की सफलता पर सरना संगठनों को आजसू की बधाई

  • पेसा कानून लागू न करना और आदिवासियों पर लाठीचार्ज को बताया नीयत में खोट

  • राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के निर्देशों की भी अवहेलना का आरोप



सरना आस्था से हो रहा खिलवाड़: आजसू का तीखा हमला

रांची। आजसू पार्टी ने झारखंड सरकार पर आरोप लगाया है कि वह सरना आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा और आस्था को सहेजने में पूरी तरह विफल रही है। पार्टी ने कहा कि सिरम टोली सरना स्थल के समक्ष बार-बार विरोध के बावजूद वहां फ्लाईओवर रैंप का निर्माण जारी रहना सरकार की आदिवासी विरोधी सोच को उजागर करता है।

सरना संगठनों को बधाई, सरकार की नीति को बताया ‘हिटलरशाही’

आजसू पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने झारखंड बंद को सफल बताते हुए सरना आदिवासी संगठनों को बधाई दी और कहा कि उनकी पार्टी आदिवासी समाज की मांगों का नैतिक समर्थन करती रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहती तो सिरम टोली सरना स्थल विवाद का हल निकाल सकती थी, लेकिन उसने आदिवासियों की भावनाओं को पूरी तरह अनदेखा किया।

राष्ट्रीय आयोग की अवहेलना, पेसा कानून पर चुप्पी

डॉ भगत ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के निर्देशों की भी अनदेखी की और रैंप निर्माण नहीं रोका। उन्होंने कहा कि सरकार सरना धर्म, आदिवासी ज़मीन और संस्कृति पर हमला कर रही है, और उसकी नीति तथा नीयत दोनों ही संदिग्ध हैं।

लापुंग की घटना से आदिवासी समाज आक्रोशित

आजसू प्रवक्ता ने लापुंग में आदिवासियों की पारंपरिक पड़हा समिति की बैठक पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और गोलीकांड की निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार न सिर्फ जनजातीय हितों को कुचल रही है, बल्कि दोषियों को बचाने के लिए उल्टा आदिवासियों पर ही आरोप मढ़ रही है।

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