धान खरीदी पर बाबूलाल मरांडी का हमला: किसानों को न्याय देने की मांग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर किसानों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए धान खरीदी में न्याय की मांग की। प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने सरकार की नीतियों को किसान विरोधी करार दिया।
धान खरीदी में वादाखिलाफी का आरोप
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार ने चुनाव से पहले ₹3200 प्रति क्विंटल धान खरीदने का वादा किया था। लेकिन अब ₹2300 प्रति क्विंटल और ₹100 बोनस यानी ₹2400 प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जा रही है।
धान क्रय केंद्रों की स्थिति दयनीय
मरांडी ने कहा कि सरकार ने 60 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अधिकांश जिलों में अभी तक धान क्रय केंद्र ही नहीं खुले हैं। जो केंद्र खुले हैं, वहां भी कई जगह ताले लटके मिले।
किसानों पर बिचौलियों का दबाव
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण किसान 1800-1900 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं। वहीं, बंगाल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के बिचौलिये गांव-गांव घूमकर कम कीमत पर धान खरीद रहे हैं।
प्रक्रिया जटिल और कटौती का खेल
मरांडी ने आरोप लगाया कि सरकार ने धान खरीदी प्रक्रिया को जटिल बना दिया है और गीला बताकर प्रति क्विंटल 10-15 किलो की कटौती कर रही है।
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत
मरांडी ने कहा कि झारखंड के किसानों को प्रोत्साहन और समर्थन की जरूरत है। राज्य सरकार का दायित्व है कि वह किसानों को आत्मनिर्भर बनाए और उन्हें मजबूती प्रदान करे।
केंद्र सरकार किसानों के साथ
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि किसानों के खाते में ₹6000 वार्षिक सहायता और फसलों पर एमएसपी में बढ़ोतरी से किसान सशक्त हो रहे हैं।
मांगों का ज्ञापन
मरांडी ने मांग की कि राज्य सरकार धान की खरीद ₹3200 प्रति क्विंटल की दर से करे, कटौती बंद करे और किसानों को न्याय प्रदान करे।
प्रेसवार्ता में किसान मोर्चा अध्यक्ष पवन साहू और सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।