एडवेंट के दौरान रोम में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों की धूम।

झारखंड/बिहार राष्ट्रीय ख़बर

आगमन काल (एडवेंट): रोम का विशेष समय

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माहौल
आगमन काल रोम में एक ऐसा समय होता है जब पूरा शहर एक विशेष आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माहौल में सराबोर हो जाता है। रोम, जो कैथोलिक चर्च का केंद्र है, इस दौरान धार्मिक आयोजनों, प्रार्थनाओं और उत्सवों से भरपूर रहता है। इस वर्ष का एडवेंट और भी खास है, क्योंकि 24 दिसंबर 2024 को शाम 7 बजे, संत पापा फ्रांसिस संत पेत्रुस बासिलिका के पवित्र द्वार को खोलकर जुबली वर्ष की घोषणा करेंगे। इस खास अवसर के लिए पूरे रोम शहर का सुंदरीकरण किया जा रहा है।

चर्चों और गलियों की सजावट
एडवेंट के दौरान रोम के चर्चों और गलियों को खूबसूरती से सजाया जाता है। आभायुक्त गलियां और प्राचीन मठों की खामोशी में बसी अद्वितीय शांति हर आगंतुक को आध्यात्मिकता का अनुभव कराती है। चर्चों में क्रिसमस की विशेष सजावट, जलती हुई मोमबत्तियां और ख्रीस्त के जन्म की स्मृति में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

विशेष धार्मिक कार्यक्रम

पवित्र मिस्सा पूजा
संत पेत्रुस बैसिलिका में हर सुबह और शाम पवित्र मिस्सा पूजा होती है। इन कार्यक्रमों में संत पापा फ्रांसिस और अन्य चर्च अधिकारी शामिल होते हैं। इस समय चर्चों में प्रार्थना, ध्यान और उत्सव का माहौल अद्वितीय होता है।

सेंट पीटर्स स्क्वायर का खास आकर्षण

एडवेंट के दौरान रोम का सेंट पीटर्स स्क्वायर सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक बन जाता है। यहां एक विशाल नटिविटी सीन (चरणी) और क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है, जो यीशु के जन्म की कथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है। इसके अलावा, बासिलिका के पास 100 से अधिक चरणी विभिन्न देशों द्वारा प्रदर्शित की जाती हैं, जो एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करती हैं।

चर्चों की भव्य सजावट और कला

रोम के अन्य चर्चों में भी भव्य चरणी और क्रिसमस से जुड़ी कला की प्रदर्शनी लगाई जाती है। ये कला के अद्भुत नमूने रोम की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक हैं।

आध्यात्मिकता का माहौल

एडवेंट का समय गहरी आध्यात्मिकता का प्रतीक है। इस दौरान विश्वासियों को प्रार्थना, ध्यान और उपवास के माध्यम से अपने आध्यात्मिक जीवन को सशक्त करने की प्रेरणा मिलती है। संत पापा फ्रांसिस के प्रेरणादायक संदेश शांति, प्रेम और आशा का संदेश देते हैं, जो न केवल रोम बल्कि पूरी दुनिया के ईसाइयों के दिलों को छूते हैं।

रोम में आगमन काल का माहौल
(फा सुशील टोप्पो, रोम )

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