“पोप लियो 14वें का पहला संदेश – मसीह में विश्वास ही जीवन का आधार है”

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पोप लियो 14वें ने पहले मिस्सा में कहा – “हमें मसीह में अपनी आनंदमयी आस्था की गवाही देनी है”

रोम, 9 मई 2025 – नव निर्वाचित पोप लियो 14वें ने शुक्रवार को सिस्टीन चैपल में अपना पहला मिस्सा कार्डिनलों के साथ संपन्न किया। यह आयोजन उनके पोप चुने जाने के अगले दिन हुआ, जब चौथे मतदान में दो-तिहाई बहुमत से उन्हें चर्च का 267वां सर्वोच्च धर्मगुरु चुना गया।

Pope Leo XIVFirst Mass
नए पोप का पहला संदेश

मसीह में आस्था को बताया जीवन का सार

अपने पहले आधिकारिक प्रवचन में अमेरिका में जन्मे पोप लियो 14वें ने मसीह के प्रति व्यक्तिगत और गहरे संबंध की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने चेताया, “जहां आस्था नहीं होती, वहां जीवन का अर्थ खो जाता है।” उन्होंने कार्डिनलों से आग्रह किया कि वे सुसमाचार का प्रचार करते हुए मसीह में विश्वास की प्रसन्नता को साझा करें।

Christian FaithPope's Appeal
रोम में गूंजा विश्वास का संदेश

परंपरा की याद और आज के युग की चुनौती

पोप ने संत पतरस के ऐतिहासिक शब्दों “तू मसीह है, जीवित परमेश्वर का पुत्र” को उद्धृत करते हुए चर्च की दो हजार वर्षों की परंपरा का स्मरण कराया। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में जहां आस्था को उपेक्षित किया जा रहा है, वहां सच्ची गवाही देना और भी आवश्यक हो गया है।

मिशनरी सेवा और व्यक्तिगत रूपांतरण को दी प्राथमिकता

पोप लियो 14वें ने चर्च की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए मिशनरी सेवा, व्यक्तिगत रूपांतरण और मसीह में विश्वास की सतत यात्रा को मुख्य बिंदु बताया। उन्होंने प्रार्थना की कि वे स्वयं को मसीह के लिए पूरी तरह समर्पित कर सकें और चर्च को आध्यात्मिक नेतृत्व प्रदान करें।

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