वित्त रहित शिक्षक बैद्यनाथ राम झारखंड सरकार

वित्त रहित शिक्षक 31 जुलाई को करेंगे शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव।

झारखंड/बिहार ताज़ा ख़बर रोज़गार समाचार

वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा 31 जुलाई 2024 को शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम के आवास का घेराव करेगा। यह निर्णय राज्य भर के प्राचार्य/प्रधानाचार्य एवं शिक्षक प्रतिनिधियों की बैठक में लिया गया।

26 जुलाई को शैक्षणिक हड़ताल

बैठक में निर्णय लिया गया कि 26 जुलाई को पूरे राज्य में शैक्षणिक हड़ताल रहेगी और वित्त रहित शिक्षक कर्मचारी संस्था के मुख्य द्वार पर उपवास पर बैठेंगे।

विधानसभा सत्र के दौरान महाधरना

02 अगस्त को विधानसभा सत्र के समय विधानसभा के सामने विशाल महाधरना दिया जाएगा।

09 अगस्त को राजभवन के सामने महाधरना

09 अगस्त को क्रांति दिवस के दिन राजभवन के सामने महाधरना आयोजित किया जाएगा।

मांगे और आंदोलन

  • राज्य कर्मचारी का दर्जा: वित्त रहित शिक्षक कर्मियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग।
  • अनुदान की राशि: अनुदान की राशि की बढ़ोतरी को मंत्री परिषद में भेजना और इसे सीधे शिक्षक कर्मचारियों के खाते में भेजने की मांग।
  • मुख्यमंत्री आवास का घेराव: 21 अगस्त को मुख्यमंत्री के आवास का घेराव हजारों वित्त रहित शिक्षक कर्मी करेंगे।

राज्य भर के प्राचार्यों और प्रधानाचार्यों की बैठक

सर्वोदय बाल निकेतन उच्च विद्यालय धुर्वा, रांची में राज्य भर के वित्त रहित एवं अनुदानित इंटर कॉलेज के प्राचार्यों, उच्च विद्यालय, संस्कृत विद्यालय एवं मदरसा विद्यालयों के प्रधानाचार्यों एवं शिक्षक प्रतिनिधियों की बैठक हुई जिसमें राज्य भर के 500 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सरकार पर आरोप

बैठक में प्राचार्य एवं प्रधानाचार्य ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार वित्त रहित शिक्षकों को जानबूझकर परेशान कर रही है। महंगाई को देखते हुए अनुदान की राशि बढ़ाने के लिए कमेटी ने अपनी अनुशंसा दी है और विभागीय मंत्री का अनुमोदन भी प्राप्त है, लेकिन विभाग प्रस्ताव को विधि विभाग और वित्त विभाग को नहीं भेज रहा है।

विधायक का समर्थन

इस संबंध में 12 विधायकों ने शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर इसे मंत्री परिषद की सहमति दिलाने की मांग की है।

दोहरा मापदंड

संबद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षक कर्मियों को 75% अनुदान राशि की बढ़ोतरी मिल गई है और अधिसूचना भी जारी हो गई है, जबकि दोनों संस्थाओं को अनुदान अधिनियम 2004 और संशोधित नियमावली 2015 के अनुसार मिलता है।

वित्त रहित शिक्षा नीति की समाप्ति

बैठक में कहा गया कि शिक्षा विभाग ने बहुत पहले वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त कर नियमावली बनाकर सरकारी कर्मी के समान वेतनमान देने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने सदन में आश्वासन दिया था और सचिवालय ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को कार्रवाई करने के लिए पत्र भी लिखा था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

अनुदान की राशि सीधे संस्थानों में भेजने का आदेश

2019-20 में अनुदान की राशि निर्गत करने के संचिका पर तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्वर्गीय जगरनाथ महतो ने स्पष्ट आदेश दिया था कि अनुदान वितरण में पारदर्शिता बनी रहे इसलिए विभाग सीधे अनुदान की राशि संस्थान में भेजे, लेकिन कोरोना के नाम पर आज तक मंत्री के आदेश का पालन नहीं हुआ है।

30 इंटर कॉलेज एवं स्कूलों के प्रस्विकृति का मामला

30 इंटर कॉलेज एवं स्कूलों के प्रस्विकृति का मामला 6 माह से विभाग में लंबित है। 30 जनवरी को स्क्रीनिंग कमेटी ने जांच कर प्रतिवेदन विभाग को दिया था, लेकिन संचिका का आज तक अनुमोदन नहीं हुआ है।

प्लस टू स्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज में सीट निर्धारण

बैठक में कहा गया कि प्लस टू स्कूल में असीमित नामांकन और इंटरमीडिएट कॉलेज में सीट निर्धारण के मामले में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है।

माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका

मोर्चा इस मामले को उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। प्राचार्यों का कहना है कि सीट निर्धारण का अधिकार जैक को है और विभाग इसमें हस्तक्षेप कर रहा है।

बैठक में उपस्थित प्रमुख सदस्य

बैठक में डॉ. देवनाथ सिंह, मनीष कुमार, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, गणेश महतो, अरुण कुमार, मनोज कुमार तिर्की, संजय कुमार, निखिल गुप्ता, अरविंद सिंह, डालेश चौधरी, उदय कुमार, परमेश्वर शर्मा, कमलेश ठाकुर, विनय उरांव, पशुपति महतो, महात्मा प्रसाद सिंह, रघु विश्वकर्मा, अशोक प्रसाद गुप्ता, मनोज कुमार, रणजीत मिश्रा, दुर्गा प्रसाद सिंह, अमरावती कुमारी, और कल्याणी कुजूर ने अपने विचार व्यक्त किए।

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