जामताड़ा से कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी इन दिनों मुश्किलों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। झारखंड बीजेपी के कार्यकर्ता महावीर सिंह ने इरफान अंसारी के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाना में केस दर्ज कराया है। दरअसल, इरफान अंसारी ने अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट किया था कि,”नकली राम भक्तों ने मेरे असली राम को जेल में बंद कर दिया है। मेरी भाभी मां दुर्गा की अवतार हैं जो बीजेपी झारखंड को जलाकर भस्म कर देगी। साथ में उनका हनुमान कदम से कदम मिलाकर रावण की लंका को जलाकर राख कर देगा। लोगों से अपील है कि, सीता मां के एक-एक आंसू का बदला लें” रांची के अरगोड़ा थाना में जो तहरीर दी गई है उसमें बीजेपी के कार्यकर्ता महावीर सिंह ने कहा है कि, इरफान अंसारी के बयान से भारत देश के सनातन धर्म के मानने वालों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
इस बारे में अभी तक कांग्रेस के जामताड़ा से विधायक इरफान अंसारी का कोई बयान सामने नहीं आया है। बीजेपी ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से नहीं की है। केवल पुलिस में इसकी लिखी शिकायत दर्ज कराई है। आपको बता दें कि, हेमंत सोरेन की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन गांडेय उपचुनाव भी लड़ रही हैं। लिहाजा, उनके प्रचार प्रसार के लिए इरफान अंसारी लगातार क्षेत्र का भ्रमण कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने यह बयान दिया था। इरफान अंसारी के बयान आने के तुरंत बाद ही भाजपा ने मौखिक बयान में कहा था कि, इरफान अंसारी सिर्फ चापलूसी के तहत ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।
झारखंड में रहने वाले ज्यादातर लोग जानते हैं कि, इरफान अंसारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़े भाई के तौर पर मानते हैं। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के दौरान भी उनके आंखों से आंसू निकले थे। ये वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। वे लगातार हेमंत सोरेन परिवार को लेकर बयान देते रहे हैं। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद भी इरफान अंसारी कल्पना सोरेन और सोरेन परिवार के पक्ष में खड़े दिखाई देते हैं।
एक महत्वपूर्ण विषय यह भी है कि, चुनाव के दौरान धार्मिक या मजहबी बातों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए लेकिन दोनों ही गठबंधनों की तरफ से धार्मिक और मजहबी बातों का खूब इस्तेमाल हो रहा है। धर्म के आधार पर लोगों को अपने पक्ष में करने की कोशिश हो रही है। ऐसे मामलों में चुनाव आयोग को सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। फिलहाल आयोग की तरफ से ऐसी सख्ती नहीं दिखाई देती है। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि, आयोग तक इसकी लिखित शिकायत ना पहुंची हो लेकिन आयोग खुद से भी संज्ञान लेकर ऐसे क्रियाकलापों पर अंकुश लगा सकता है। बहरहाल, इरफान अंसारी के मामले में पुलिस आगे क्या कार्रवाई करती है देखना दिलचस्प होगा लेकिन एक बात तो साफ है कि, इस लोकसभा चुनाव में धर्म के आधार पर वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश दोनों पक्षों की तरफ से हुई है।
इस बीच झारखंड में तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार शबाब पर है। दोनों ही गठबंधनो के बड़े नेता झारखंड का दौरा कर रहे हैँ। उनसे उम्मीद की जानी चाहिए कि, वे अपने कार्यकर्ताओं को संंयम में रहकर बयान देने को कहेंगे।