झारखंड गठन के बाद पहली बार उत्पाद सिपाही बहाली प्रक्रिया चल रही है। दौड़ के दौरान अबतक कई छात्रों की मौत हो गई है। लिहाजा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया में इस बाबत सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी है। आप भी पढ़िए।
उत्पाद सिपाही नियुक्ति प्रक्रिया में असामयिक मृत्यु: दुखद और चिंताजनक
उत्पाद सिपाही की नियुक्ति प्रक्रिया में दौड़ के दौरान प्रतिभागियों की असामयिक मृत्यु बेहद दुखद और मर्माहत करने वाली घटना है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, हमने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाई गई नियमावली की अविलंब समीक्षा का निर्देश दिया है। भविष्य में ऐसी सभी बहालियों के लिए नियमावली में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पीड़ित परिवारों के लिए राहत का प्रावधान
दुर्भाग्यवश हुई इस दुर्घटना से प्रभावित परिवारों को सरकार की ओर से तत्काल राहत पहुंचाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का भी निर्देश दिया गया है। इस कठिन समय में शोकाकुल परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
भर्ती प्रक्रिया पर अस्थायी रोक और सावधानियां
एहतियातन, हमने अगले 3 दिनों के लिए इस भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, अब दौड़ का आयोजन प्रातः 9 बजे के बाद किसी भी स्थिति में नहीं किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों को दौड़ से पहले स्वास्थ्य परीक्षण की आवश्यकता होगी, उनके लिए चिकित्सकीय सुविधाओं का पर्याप्त प्रबंध किया जाएगा। इसके अलावा, सभी प्रतियोगिता स्थलों पर प्रतिभागियों के लिए नाश्ता और फल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि कोई भी भूखे पेट दौड़ में हिस्सा न ले सके।
युवाओं की असामयिक मृत्यु पर विशेषज्ञ समिति की स्थापना
यह विचारणीय है कि हमारे गांवों और समाज के अपेक्षाकृत स्वस्थ और चुस्त लोग शारीरिक परीक्षा के दौरान हताहत क्यों हो रहे हैं। झारखंड सहित देश में पिछले 3-4 वर्षों में सामान्य जन के स्वास्थ्य में ऐसा क्या बदलाव आया है? इन सवालों के उत्तर खोजने और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, हमने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करने का निर्णय लिया है। यह समिति इस घटना की गहराई से समीक्षा करेगी और अपनी परामर्श रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।