प्रमुख बिंदु
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रांची, हजारीबाग और बड़कागांव में ईडी की एक साथ छापेमारी
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अंबा प्रसाद और उनके पिता योगेंद्र साव से जुड़े मामले में कार्रवाई
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आरकेटीसी ट्रांसपोर्टिंग कंपनी में कथित घोटाले की जांच
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कुल आठ ठिकानों पर एक साथ ईडी की टीमें सक्रिय
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मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच तेज
तीन जिलों में ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी
झारखंड की राजनीति एक बार फिर केंद्रीय एजेंसियों के घेरे में आ गई है। गुरुवार सुबह रांची, हजारीबाग और बड़कागांव में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमें एक साथ सक्रिय हो गईं। यह कार्रवाई बड़कागांव की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद और उनके पिता, झारखंड के पूर्व विधायक योगेंद्र साव से जुड़ी मानी जा रही है।
अंबा प्रसाद के करीबियों और रिश्तेदारों के घर रेड
सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी का मुख्य केंद्र अंबा प्रसाद के करीबी रिश्तेदारों और सहयोगियों के घर हैं। रांची के किशोरगंज (हरमू रोड), हजारीबाग और बड़कागांव में कुल आठ ठिकानों पर ईडी की टीमें दबिश दे रही हैं।
ट्रांसपोर्टिंग कंपनी में बड़े घोटाले का शक
बताया जा रहा है कि जांच की जड़ें आरकेटीसी ट्रांसपोर्टिंग कंपनी से जुड़ी हुई हैं, जिसमें करोड़ों के लेन-देन और कथित गड़बड़ियों के सबूत सामने आए हैं। इस कंपनी से जुड़ी आर्थिक अनियमितताओं को लेकर पहले भी संदेह जताया जा चुका है। अब इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि की जा रही है।
अंबा प्रसाद के सहायक संजीत साव के घर भी छापा
ईडी की एक टीम संजीत साव के आवास पर भी पहुंची है, जो अंबा प्रसाद के निजी सहायक बताए जाते हैं। इस रेड को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अंजाम दिया जा रहा है।
सियासी गलियारों में हलचल, कांग्रेस पर नजर
अंबा प्रसाद कांग्रेस की नेता हैं और झारखंड में पार्टी की युवा चेहरे के तौर पर देखी जाती रही हैं। ऐसे में यह कार्रवाई सीधे तौर पर झारखंड की राजनीति और कांग्रेस के अंदरूनी मामलों को प्रभावित कर सकती है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह रेड सियासी समीकरण बदल सकती है।
ईडी की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि केंद्रीय एजेंसियां झारखंड में भी मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों पर फोकस कर रही हैं। अंबा प्रसाद और उनके परिवार पर शिकंजा कसता जा रहा है। आगे की जांच और बयानबाजी राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला सकती है।