मुख्य बिंदु:
- प्रधानमंत्री मोदी का आरोप: हेमंत सोरेन सरकार पर झारखंड में “पेपर लीक उद्योग” को बढ़ावा देने का आरोप।
- पीएम इंटर्नशिप योजना: नई योजना के तहत युवाओं को शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका और ₹5000 मासिक भत्ता।
- सीजीएल परीक्षा विवाद: पेपर लीक के आरोपों के बीच भाजपा का सीजीएल परीक्षा रद्द करने का वादा।
- युवाओं पर चुनावी फोकस: सभी दलों का युवाओं के मुद्दों पर जोर, असंतोष को वोट में बदलने की कोशिश।
- अमित शाह की आश्वासन: जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति और रोजगार से जुड़े सुधारों का वादा।
झारखंड में पेपर लीक बना उद्योग: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के गढ़वा में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राज्य में पेपर लीक के बढ़ते मामलों पर हेमंत सोरेन सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि झारखंड में पेपर लीक एक उद्योग का रूप ले चुका है और यह सरकार के संरक्षण में संचालित हो रहा है। पीएम ने बेरोजगारी भत्ते और हर साल 5 लाख नौकरियां देने के वादे पर भी सवाल उठाए, जिन पर उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है।
पीएम इंटर्नशिप योजना का जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार युवाओं के लिए पीएम इंटर्नशिप योजना लेकर आई है, जिसके तहत युवाओं को देश की बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा और ₹5000 का मासिक भत्ता भी मिलेगा। इसके जरिए उन्होंने झारखंड सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार युवाओं के रोजगार, बेरोजगारी भत्ता, और कौशल विकास के लिए लगातार काम कर रही है।
झारखंड में सीजीएल परीक्षा का विवाद और भाजपा का वादा
झारखंड में जेएसएससी द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आया है, जो फिलहाल हाई कोर्ट में लंबित है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में इस परीक्षा को रद्द करने का वादा किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में एक माह के भीतर जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति करने का जिक्र किया है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी पेपर लीक, बेरोजगारी भत्ता, और अन्य रोजगार से जुड़े मुद्दों पर हेमंत सरकार की आलोचना की।
युवाओं के मुद्दों पर विधानसभा चुनाव में जोर
खास बात है कि, झारखंड विधानसभा चुनाव में युवाओं के मुद्दे को केंद्र में रखा जा रहा है। सभी पार्टियां युवाओं को आकर्षित करने के लिए जोर-शोर से उनके मुद्दे उठा रही हैं। अमित शाह और पीएम मोदी द्वारा किए गए भाषण के बाद से झारखंड की राजनीति में युवा मुद्दे मुख्य बिंदु बन गए हैं।