"डिज़ाइन यात्रा" आर्किटेक्ट का जमावड़ा

डिज़ाइन यात्रा- एक दिवसीय डिज़ाइन प्रदर्शनी और परिचर्चा का आयोजन.

झारखंड/बिहार

रांची के होटल कैपिटल हिल में IIA झारखंड चैप्टर द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित डिज़ाइन का प्रदर्शन और परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नाम “डिज़ाइन यात्रा” रखा गया था, जिसका उद्देश्य देश के प्रमुख आर्किटेक्ट्स द्वारा अनूठी कला और डिज़ाइन के माध्यम से भवन निर्माण के तरीकों को प्रदर्शित करना था।

डिज़ाइन यात्रा का उद्घाटन

कार्यक्रम का उद्घाटन BIT मेसरा के वरिष्ठ आर्किटेक्ट डॉ. मंजरी चक्रवर्ती और डॉ. स्मृति मिश्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर क्रेडाई के अध्यक्ष विजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि झारखंड में पहली बार ऐसा डिज़ाइन और बिल्डिंग प्रदर्शन हो रहा है, जो कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के लिए बेहद लाभकारी और जानकारीपूर्ण होगा।

झारखंड के विकास की दिशा में कदम

झारखंड चैम्बर के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने बताया कि महानगरों की तर्ज़ पर झारखंड में भवन डिज़ाइन को बढ़ावा देने से राज्य पूरे देश में एक मिसाल बनेगा।

“अनुभव” सत्र और आर्किटेक्ट्स के प्रोजेक्ट्स

कार्यक्रम के दूसरे सत्र “अनुभव” में आर्किटेक्ट हिरेन पटेल (अहमदाबाद) और लॉरेंस फ्रांसिस (जमशेदपुर) ने अपने विशेष प्रोजेक्ट्स का प्रस्तुतीकरण किया। इस अवसर पर झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष आर्किटेक्ट अतुल सर्राफ़ा ने घोषणा की कि दिसंबर 2024 में ईस्टर्न रीजनल कॉन्फ्रेंस की मेजबानी झारखंड द्वारा की जाएगी, जिसमें पूर्वी भारत के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट्स अपनी कला पर विचार साझा करेंगे। इस कॉन्फ्रेंस में पांच राज्यों के बीच एक डिज़ाइन प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।

छात्रों और आर्किटेक्ट्स की भागीदारी

इस कार्यक्रम में राज्यभर से आए लगभग 200 छात्र और 150 आर्किटेक्ट्स ने हिस्सा लिया। छात्रों ने इस डिज़ाइन यात्रा में दिखाए गए विभिन्न डिज़ाइनों का गहन अध्ययन किया।

प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम का संचालन आर्किटेक्ट अनुराग कुमार द्वारा किया गया। मुख्य रूप से उपस्थित आर्किटेक्ट्स में संदीप झा, गजननंद राम, अपूर्व मिंज, नितेश पॉल नाग, अरुण कुमार, संजय गुप्ता, राजीव चड्ढा, अनिल कुमार, और अन्य प्रमुख आर्किटेक्ट्स शामिल थे।

आगामी योजनाएं

झारखंड चैप्टर द्वारा दिसंबर 2024 में आयोजित होने वाली ईस्टर्न रीजनल कॉन्फ्रेंस झारखंड के आर्किटेक्चर के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिसमें पूरे पूर्वी भारत के आर्किटेक्ट्स अपनी कला और डिज़ाइन की क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे।

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