झारखंड जनाधिकार महासभा ने वित्त मंत्री से मुलाकात, राज्य बजट 2025-26 को लेकर दिए सुझाव
प्रो. ज्यां द्रेज, अंबिका यादव, प्रवीर पीटर, रिया तूलिका पिंगुआ और अपूर्वा गुप्ता सहित झारखंड जनाधिकार महासभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर से उनके कार्यालय में मुलाकात की। इस बैठक में महासभा ने झारखंड के सामाजिक, आर्थिक और जनहित से जुड़े अहम मुद्दों को उठाते हुए आगामी राज्य बजट 2025-26 के लिए सुझाव प्रस्तुत किए।
प्रमुख मुद्दे और मांगें
महासभा ने झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति पर गहरी चिंता जताई और इनके सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। प्रतिनिधियों ने आदिवासियों और मूलवासियों के भूमि अधिकार सुनिश्चित करने तथा 2017 के भूमि अधिग्रहण संशोधन को रद्द करने की जरूरत पर जोर दिया।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को मजबूत करने की मांग करते हुए महासभा ने वृद्धा पेंशन को ₹2500 प्रति माह करने और पिछले पांच महीनों से रुके हुए पेंशन भुगतान को तत्काल जारी करने का आग्रह किया। साथ ही, 2024 के विधानसभा चुनाव में किए गए ‘7 गारंटी’ वादों को पूरा करने, शिक्षकों की शीघ्र नियुक्ति, गर्भवती महिलाओं के लिए ₹12,000 की सहायता राशि लागू करने और झारखंड में बंद निर्दोष आदिवासियों की रिहाई के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की गई।
इसके अलावा, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार रोकने और ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने की जरूरत पर भी जोर दिया गया।
महासभा की अपील
झारखंड जनाधिकार महासभा ने वित्त मंत्री से आग्रह किया कि आगामी राज्य बजट में इन बिंदुओं को प्राथमिकता दी जाए और वंचित वर्गों के लिए न्यायसंगत नीति बनाई जाए। महासभा ने स्पष्ट किया कि राज्य की जनता को उनके अधिकार दिलाने के लिए ये मुद्दे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और सरकार को इनके समाधान के लिए ठोस पहल करनी चाहिए।