CPIM ने 09 उम्मीदवारों की सूची की जारी। झारखंड की जनता से मांगा समर्थन।

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झारखंड विधानसभा चुनाव में CPI (M) की अपील: सांप्रदायिक ताकतों को हराकर जनपक्षीय नीतियों को मजबूत करें

झारखंड के मतदाताओं से CPI (M) की अपील

झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में, CPI (M) ने राज्य की राजनीति में जनपक्षीय नीतियों को केंद्र में लाने के उद्देश्य से जनता से समर्थन मांगा है। झारखंड विधानसभा के चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जिसमें लगभग 2.6 करोड़ मतदाता वोट करेंगे।

चुनावी गठबंधन और CPI (M) का रुख

इस बार राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आजसू के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की चुनौती है, जो सांप्रदायिक विभाजन की राजनीति का सहारा ले रही है। दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस का गठबंधन राज्य में धर्मनिरपेक्षता की स्थापना के उद्देश्य से काम कर रहा है, लेकिन उनके प्रयासों में ठोस गंभीरता की कमी दिखाई दी है। CPI (M) ने भाजपा को हराने के उद्देश्य से अपने मजबूत जनाधार वाले नौ विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।

मुख्य मुद्दे: बेरोजगारी, विस्थापन और आदिवासियों के अधिकार

झारखंड में बेरोजगारी, विस्थापन, पलायन, गरीबी, और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। इन मुद्दों को हल करने के लिए विधानसभा में CPI (M) के साथ अन्य वामदलों की मजबूत उपस्थिति की आवश्यकता है, ताकि राज्य के गरीबों की आवाज़ को विधानसभा में सही तरीके से उठाया जा सके।

भाजपा का सांप्रदायिक एजेंडा और झारखंड में डेमोग्राफी का सवाल

एनडीए गठबंधन झारखंड में सांप्रदायिक आधार पर लोगों को बांटकर अपनी सरकार बनाने का प्रयास कर रहा है। “बांग्लादेशी घुसपैठ” और “लैंड जिहाद” जैसे मुद्दों को उछालकर, भाजपा झारखंड के मूल मुद्दों से ध्यान हटाना चाहती है। CPI (M) का कहना है कि बांग्लादेश से झारखंड की सीमा नहीं लगती, ऐसे में किसी भी प्रकार की घुसपैठ को रोकने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है।

विस्थापन की समस्या का समाधान: राज्य विस्थापन आयोग की मांग

विस्थापन झारखंड के विकास में एक बड़ी चुनौती रही है, विशेषकर खनन, उद्योग और डैम परियोजनाओं के कारण। CPI (M) का मानना है कि राज्य विस्थापन आयोग का गठन करके इस समस्या का ठोस समाधान निकाला जा सकता है। यह आयोग विस्थापितों के रोजगार, मुआवजा और पुनर्वास के संबंध में त्वरित निर्णय लेगा।

सरकारी नीतियों में असफलता: शिक्षा, रोजगार और भ्रष्टाचार का मुद्दा

राज्य में स्कूलों के मर्जर के नाम पर कई सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा प्रभावित हो रही है। रोजगार के क्षेत्र में भी निजीकरण और ठेका प्रणाली लागू की जा रही है। सरकार के कार्यालयों, विशेषकर अंचल कार्यालय और थानों में भ्रष्टाचार की स्थिति बेहद गंभीर है।

CPI (M) के नौ उम्मीदवारों की सूची

CPI (M) ने झारखंड में नौ विधानसभा सीटों से अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं:

  • तमाड़ – सुरेश मुंडा
  • बहरागोड़ा – स्वपन महतो
  • सिसई – मदुवा कच्छप
  • मांडर – कीर्ति सिंह मुंडा
  • चतरा – पुन भुईंया
  • जामताड़ा – लखन लाल मंडल
  • जामा – सनातन देहरी
  • पाकुड़ – शेख सैफुद्दीन
  • महेशपुर – गोपीन सोरेन

 

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