झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने चुनाव आयोग में भाजपा के खिलाफ ज्ञापन सौंपा
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिला और एक ज्ञापन एवं पेन ड्राइव सौंपा, जिसमें भाजपा द्वारा जामताड़ा के कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. इरफान अंसारी पर लगाए गए आरोपों की सत्यता का मामला उठाया गया।
भाजपा पर निराधार आरोप लगाने का आरोप
कांग्रेस नेता डॉ. राजेश गुप्ता “छोटू,” राजन वर्मा और प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शहदेव ने कहा कि डॉ. इरफान अंसारी हमेशा से भाजपा नेताओं के निशाने पर रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा जामताड़ा के चुनाव में काफी पीछे है, और इस प्रकार के आरोप चुनाव में बने रहने के उद्देश्य से लगाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र से भारी मतों से हार गई थी।
सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो का मामला
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से कहा कि भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस विकृत वीडियो को प्रसारित कर कांग्रेस प्रत्याशी और पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि मूल वीडियो में डॉ. इरफान ने सीता सोरेन का नाम नहीं लिया है और न ही किसी प्रकार की अनुचित भाषा का प्रयोग किया है। इसके बावजूद भाजपा द्वारा इसे तोड़-मरोड़कर राजनीतिक लाभ के लिए प्रसारित किया गया है, जिससे जनता के बीच कांग्रेस प्रत्याशी की गलत छवि बनाई जा रही है।
सुनियोजित षड्यंत्र का आरोप
डॉ. इरफान अंसारी अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं, और उनकी लोकप्रियता न केवल अल्पसंख्यकों में, बल्कि सभी समुदायों में है। कांग्रेस ने कहा कि इस प्रकार का प्रचार जामताड़ा की जनता को गुमराह करने का एक सुनियोजित षड्यंत्र है।
भाजपा के खिलाफ पूर्व के आरोपों का संदर्भ
कांग्रेस ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन और उनकी बेटी द्वारा इसी प्रकार का गलत प्रचार पूर्व के लोकसभा चुनाव के दौरान भी किया गया था। उस समय उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष एवं नाला विधायक रविंद्र नाथ महतो और उनके बेटे पर झूठे आरोप लगाए थे, जिसे जांच के बाद गलत पाया गया था।
निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता की अपील
कांग्रेस पार्टी ने आग्रह किया कि भविष्य में ऐसे किसी भी झूठे और भ्रामक प्रचार पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं ताकि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और स्वच्छ बनी रहे और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।