गृह रक्षकों ने मुख्यमंत्री आवास पर मनाया जश्न
झारखंड के सैकड़ों गृह रक्षकों ने पुलिस कर्मियों के समकक्ष दैनिक कर्तव्य पारिश्रमिक दिए जाने के निर्णय का जश्न मनाने के लिए मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय पहुंचकर खुशी जाहिर की। इस अवसर पर पूरे परिसर में गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़ों की गूंज सुनाई दी। सभी ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर अपनी खुशियों का इजहार किया। गृह रक्षकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस फैसले से राज्य भर के गृह रक्षकों के घर-परिवार में खुशी का माहौल है। मुख्यमंत्री ने उनका अभिवादन स्वीकार करते हुए उन्हें राज्य सरकार का अभिन्न अंग बताया और कहा कि उनका ख्याल रखना सरकार का दायित्व है। इस मौके पर विधायक कल्पना सोरेन भी उपस्थित थीं।
सभी को मान-सम्मान के साथ जीने का अधिकार
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सभी को मान-सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। हमारी सरकार राज्य की जनता हो या किसी भी संवर्ग के सरकारी कर्मी, सभी को उनका हक और अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है। गृह रक्षकों की चिर-लंबित मांग को पूरा कर हमने उन्हें एक बड़ा तोहफा दिया है। हमारा प्रयास है कि सरकार में आपकी भागीदारी पूरे सम्मान के साथ हो। यह सरकार हमेशा आपके साथ है।
साढ़े चार वर्षों में कई निर्णायक फैसले
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के साढ़े 4 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस अवधि में हमने राज्य सरकार के विभिन्न श्रेणियों और संवर्गों के कर्मियों के लिए कई निर्णायक फैसले लिए हैं। पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है। आंगनबाड़ी सेविका- सहायिकाओं से लेकर अनुबंधित कर्मियों तक के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि की गई है। इसके अलावा, सेवा-शर्तों को भी बेहतर बनाया गया है ताकि सरकारी कर्मियों को बेहतर माहौल में काम करने का अवसर मिल सके।
गृह रक्षकों के लिए मुख्यमंत्री का तोहफा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 10 अगस्त को अपने 49वें जन्मदिन के अवसर पर गृह रक्षकों को पुलिस कर्मियों के समकक्ष दैनिक कर्तव्य पारिश्रमिक देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। इस निर्णय के तहत अब गृह रक्षकों को पुलिस कर्मियों के समकक्ष 1,088 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा।