झूठ, फरेब और नफरत की राजनीति कर रही भाजपा: विनोद पांडेय.

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झारखंड में झामुमो का भाजपा पर पलटवार: “जनसमर्थन खो चुकी भाजपा अब झूठ और अफवाहों का सहारा ले रही है”

मुख्य बिंदु:

  • झामुमो महासचिव विनोद पांडेय का भाजपा पर तीखा हमला

  • भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस को बताया “हास्यास्पद और मनगढ़ंत”

  • आदिवासी-मूलवासी विरोधी सोच का आरोप

  • झारखंड की जनता को भाजपा के बहकावे में न आने की अपील

  • आंकड़ों के साथ खुली बहस की चुनौती



भाजपा के आरोपों को झामुमो ने बताया बौखलाहट का परिणाम

रांची, 07 जुलाई 2025: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा के हालिया आरोपों पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा न तो जनसमर्थन में है और न ही उसके पास अब कोई ठोस मुद्दा बचा है। इसलिए वह अब झूठ, अफवाह और कल्पना के सहारे राजनीति करने में जुट गई है।

झामुमो के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने प्रेस वार्ता कर भाजपा की बयानबाजी को “हास्यास्पद और गुमराह करने वाली” बताया।

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“मानसिक संतुलन खो चुके हैं भाजपा नेता” – विनोद पांडेय

पांडेय ने आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता से बाहर होने के बाद से बौखलाई हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अब हर दिन नई मनगढ़ंत कहानी गढ़कर जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रहे हैं। यह झारखंड की जनता भली-भांति समझ चुकी है।

“झारखंड की धरती पर नहीं चलेगी झूठ और नफरत की राजनीति”

विनोद पांडेय ने कहा कि झारखंड की जनता ने भाजपा का आदिवासी और मूलवासी विरोधी चेहरा देख लिया है। अब भाजपा चाहे जितना भी प्रयास कर ले, यह धरती झामुमो की विचारधारा की है, जहां झूठ और नफरत की राजनीति की कोई जगह नहीं है।

“भाजपा ने जल-जंगल-जमीन को बेचा, हम मरहम लगाने आए हैं”

पांडेय ने कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी, तब झारखंड के संसाधनों को कॉरपोरेट के हाथों बेचा गया। गरीब, किसान और आदिवासियों के हितों की बलि दी गई। लेकिन हेमंत सोरेन सरकार ने उन जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को एक आदिवासी मुख्यमंत्री की स्वीकार्यता नहीं हो पा रही है।

भाजपा को खुली बहस की चुनौती

झामुमो नेता ने भाजपा को खुले मंच पर आंकड़ों के साथ बहस करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा,

“अगर हिम्मत है, तो भाजपा बताए कि उनके शासनकाल में कितने रोजगार दिए, कितनी सड़कें बनीं, कितने अस्पताल खोले गए?”

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया से विकास नहीं होता।

झामुमो और भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान अब सीधा आरोप-प्रत्यारोप और सार्वजनिक चुनौती के स्तर पर पहुंच चुका है। झामुमो ने भाजपा की रणनीति को जनता को भ्रमित करने का प्रयास बताया है, जबकि भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार और टेंडर घोटालों के आरोप लगा रही है। आने वाले चुनावों में यह राजनीतिक जुबानी जंग और तेज़ होने की संभावना है।

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