पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और अब भाजपा विधायक राज सिन्हा को शो कॉज हुआ है। इससे पहले पार्टी से नाराज प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी भी अपने पदे से इस्तीफा दे चुके हैं। बाबूलाल मरांडी के भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद नाराजगी बढ़ती जा रही है।
भाजपा विधायक राज सिन्हा का जवाब.
सबसे पहले बात धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा की करते हैं। दरअसल, कायस्थ महासभा की बैठक में उनके भाषण को लेकर पार्टी को आपत्ति है। इसी की बुनियाद पर उनको शो कॉज जारी किया गया है। मामला सामने आने के बाद भाजपा विधायक राज्य सिन्हा ने कहा है कि, वे शो कॉज दिए जाने पर आश्चर्यचकित हैं। ऐसा लगता है कि, संगठन को कोई गलतफहमी हो गई है। मैं पार्टी की गतिविधियों में लगातार शामिल हूं। धनबाद से पार्टी प्रत्याशी ढुल्लू महतो के हक में प्रचार प्रसार भी कर रहा हूं। खुद ढुल्लू महतो के नाम के जिंदाबाद के नारे लगा रहे हूं।
राज सिन्हा कहते हैं कि, चुनाव प्रबंधकों ने उन्हें किसी ड्यूटी पर लगाया ही नहीं है। लोकसभा प्रभारी हों या फिर लोकसभा संयोजक हों या फिर विधानसभा प्रभारी हों। चुनाव प्रबंधन में उनको शामिल ही नहीं किया गया है। चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान उन्हें एक दिन भी नहीं बुलाया गया है। यहां तक की बैठकों की सूचना देना भी जरूरी नहीं समझा जाता है। जानबूझकर कार्यक्रमों से अलग रखा जा रहा है। शो कॉज पर जवाब देते हुए राज सिन्हा कहते हैं कि, पिछले दिनों असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिसवा सरमा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कार्यक्रम था लेकिन उन्हें कोई विधिवत इसकी जानकारी नहीं दी गई। राज सिन्हा ने कहा है कि, उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को दे दी है। उनकी तरफ से कोई गलती नहीं हुई है। पार्टी संगठन को ही कोई गलतफहमी हो गई है।
सरयू राय का कटाक्ष.
इस पर कटाक्ष करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे सरयू राय ने कहा कि, दीनदयाल उपाध्याय को याद करने वाले को शो कॉज देना दुखद स्थिति है। आश्चर्य की बात है कि, जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल जी का उद्धधरण देने वाले विधायक राज सिन्हा को भाजपा ने नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपराध और जमीन कब्जा करने वाले सांसदों और विधायकों के पक्ष में खड़ी दिखाई देती है।
जयंत सिन्हा की खामोशी.
राज्य सिन्हा के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हजारीबाग लोकसभा सीट से सांसद रहे जयंत सिन्हा का मामला उलझता हुआ नजर आ रहा है। पिछले दिनों पार्टी ने उन्हें नोटिस जारी कर दो दिनों के अंदर जवाब मांगा था लेकिन अब तक जयंत सिन्हा का कोई जवाब नहीं आया है। फोन करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला है। दरअसल, जयंत सिन्हा पर पार्टी का आरोप है कि, जब से मनीष जायसवाल को भाजपा का प्रत्याशी घोषित किया गया है। वे पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रहने लगे हैं। यहां तक की उन्होंने अपने वोट का भी इस्तेमाल नहीं किया है। नोटिस में लिखा गया है कि, इससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है। हालांकि, नोटिस का जवाब जयंत सिन्हा ने देना जरूरी नहीं समझा है। जयंत सिन्हा के मामले में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव से पूछा गया तो उन्होंने कोई भी जवाब नहीं दिया। कहा कि, जिस विषय पर प्रेस वार्ता हो रही है उसी से संबंधित सवाल पूछे जाएं।
कुणाल षाडंगी की नाराज़गी.
इसके अलावा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी भी इन दोनों नाराज हैं। उन्होंने प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि वे पार्टी में बने हुए हैं। चुनाव के दौरान उनके बारे में भी यह खबर फैली कि, वे फिर से घर वापसी कर सकते हैं। यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि अभी तक वे भाजपा में बने हुए हैं लेकिन पार्टी के क्रियाकलापों और पदाधिकारियों से नाराज होकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि, इन दिनों भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बाबूलाल मरांडी को प्रदेश का नेतृत्व मिलने के बाद से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। बहरहाल, देखना दिलचस्प होगा कि, बाबूलाल मरांडी किस तरह से ऐसे मामलों का निष्पादन करते हैं।