भाजपा प्रवक्ता का झामुमो पर बड़ा हमला
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर तीखा हमला किया। 25 अक्टूबर को प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान, उन्होंने सोरेन परिवार की बहू सीता सोरेन को लेकर सवाल उठाए। सिन्हा ने कहा कि सीता सोरेन, जो कभी झामुमो की नेता थीं और सोरेन परिवार की बहू हैं, उनके लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर झामुमो के दूसरे नेता इरफान अंसारी द्वारा सोरेन परिवार की दूसरी बहू कल्पना सोरेन के लिए ऐसी भाषा का उपयोग होता, तो क्या झामुमो चुप रहता? क्या सोरेन परिवार इरफान अंसारी के बयान का खंडन करेगा?
इरफान अंसारी के बयान पर आपत्ति
प्रदीप सिन्हा ने इरफान अंसारी द्वारा नामांकन के बाद दिए गए बयान को घोर आपत्तिजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बयान अंसारी की मानसिकता को दर्शाता है, जो महिलाओं और लड़कियों के प्रति उनकी सोच को उजागर करता है। सिन्हा के अनुसार, इरफान अंसारी द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा “सड़क छाप” है, जो केवल वे लोग उपयोग कर सकते हैं जिनके संस्कार ऐसे हों।
भाजपा की कार्रवाई की मांग
प्रदीप सिन्हा ने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी की मांग है कि झामुमो को इरफान अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने चुनाव आयोग से भी अपील की कि इस बयान का संज्ञान लेते हुए अंसारी पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाए ताकि चुनाव के दौरान भाषा की मर्यादा बनी रहे।
कार्यकर्ताओं को दी चेतावनी
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अगर चुनाव में विपक्ष इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करेगा तो उनके कार्यकर्ताओं से भी शालीनता की अपेक्षा ना करें। उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं ने चूड़ी नहीं पहन रखी है। इसका जवाब उन्हें सड़क पर भी मिलेगा और जनता के बीच भी।”
झामुमो की चुप्पी पर सवाल
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि वे चुनाव के दौरान जनता को झामुमो के नेताओं का असली चेहरा दिखाएंगे, ताकि सबको पता चले कि उनकी सोच महिलाओं के प्रति किस प्रकार की है। उन्होंने कहा कि झामुमो की चुप्पी यह दर्शाती है कि एक खास वर्ग के दबाव के कारण उसकी बोलती बंद हो जाती है। उन्होंने झामुमो से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने की मांग की।
कांग्रेस पर भी साधा निशाना
प्रदीप सिन्हा ने कांग्रेस पार्टी के प्रति भी आपत्ति जताई और कहा कि महिलाओं के प्रति आदर का भाव बनाए रखने के लिए सख्त संदेश देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर कोई महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सबसे कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।