झारखंड के तकनीकी विकास में बीआईटी मेसरा की भूमिका अहम।

झारखंड/बिहार ताज़ा ख़बर राष्ट्रीय ख़बर

बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) मेसरा प्लेटिनम जुबली समारोह में राज्यपाल का अभिभाषण

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड की पावन भूमि पर स्वागत किया और उनके आगमन को शिक्षा जगत के लिए गौरव का क्षण बताया। उन्होंने राष्ट्रपति के झारखंड के प्रति विशेष लगाव और ‘पीपुल्स गवर्नर’ के रूप में उनके योगदान की सराहना की।

बीआईटी मेसरा की उपलब्धियाँ

राज्यपाल ने कहा कि बीआईटी मेसरा देश के अग्रणी तकनीकी संस्थानों में से एक है, जो वर्षों से इंजीनियरिंग और प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर रहा है। संस्थान ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है और नवाचार व अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

संस्थान की ऐतिहासिक यात्रा

1955 में बीएम बिड़ला जी द्वारा स्थापित यह संस्थान तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यहाँ से पासआउट विद्यार्थी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता की ऊँचाइयों को छू रहे हैं।

तकनीकी शिक्षा और समाज का उत्थान

राज्यपाल ने कहा कि बीआईटी मेसरा केवल तकनीकी शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक समावेशिता को भी बढ़ावा देता है। यहाँ संचालित पॉलिटेक्निक संस्थान विशेष रूप से आदिम जनजातियों सहित आरक्षित श्रेणियों के छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है।

राष्ट्रपति महोदया: नारी शिक्षा की प्रेरणास्रोत

राष्ट्रपति के योगदान का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बालिका शिक्षा को बढ़ावा दिया। उनकी प्रेरणा से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ है। आज लड़कियाँ शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं।

आत्मनिर्भर भारत में बीआईटी मेसरा का योगदान

प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को सफल बनाने में बीआईटी मेसरा की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए राज्यपाल ने संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं से आह्वान किया कि वे नए इंजीनियरिंग मॉडल, उपकरण और सॉफ्टवेयर विकसित करने में अपनी सहभागिता बढ़ाएँ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का क्रियान्वयन

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बीआईटी मेसरा ने अपने पाठ्यक्रमों को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप ढालकर विद्यार्थियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया है। यह नीति युवाओं को नवीनतम तकनीकों और व्यावसायिक कौशल से लैस करने में सहायक सिद्ध होगी।

नवाचार और शोध की दिशा में आगे बढ़ता झारखंड

राज्यपाल ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि झारखंड शिक्षा और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। बीआईटी मेसरा जैसे संस्थान राज्य और देश के विकास में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को शुभकामनाएँ दीं और भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करने की उम्मीद जताई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *