झारखंड के जन-जन के नेता थे बिनोद बिहारी महतो- आजसू सुप्रीमो।

झारखंड/बिहार विधानसभा चुनाव

झारखंड आंदोलन के प्रणेता बिनोद बिहारी महतो को श्रद्धांजलि

झारखंड बनाने का संघर्ष जारी रहेगा: सुदेश महतो

झारखंड आंदोलन के प्रणेता और धरतीपुत्र बिनोद बिहारी महतो के सपनों का झारखंड बनाने के लिए हमारा संघर्ष अनवरत जारी रहेगा। यह कहना है आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो का, जिन्होंने स्व. बिनोद बिहारी महतो की पुण्यतिथि पर बलियापुर स्थित उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

बिनोद बाबू के आदर्शों का अनुसरण

सुदेश महतो ने कहा कि बाबू बिनोद बिहारी महतो की दूरदर्शिता, समाज को जोड़ने की उनकी क्षमता और सभी राजनीतिक सीमाओं से परे उनके दृष्टिकोण ने झारखंड को नई दिशा और पहचान दी। उनके आदर्शों को अपनाते हुए संगठित, शिक्षित और स्वाभिमानी समाज का निर्माण करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

झारखंड आंदोलन में बिनोद बाबू का योगदान

सुदेश महतो ने झारखंड आंदोलन को गति देने और समाज की बुराइयों को दूर करने में बिनोद बाबू के योगदान को याद किया। उन्होंने विस्थापितों को न्याय दिलाने, लोगों को शिक्षित करने और सभी वर्गों व समुदायों को एकजुट कर आंदोलन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे केवल एक खास समाज के नहीं, बल्कि पूरे जनमानस के नेता थे।

राज्यभर में श्रद्धांजलि सभाएं

बिनोद बाबू की पुण्यतिथि के अवसर पर आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया। उनके चित्रों और प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया गया। उनका लोकप्रिय नारा “लड़ना है तो पढ़ना है” आज भी समाज को प्रेरित करता है।

प्रमुख नेता रहे उपस्थित

श्रद्धांजलि सभा में नव-निर्वाचित विधायक निर्मल महतो, पूर्व विधायक लंबोदर महतो, बिनोद बाबू के पोते राहुल महतो और पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *