राज्य के किसानों की समृद्धि के लिए सरकार के प्रयास: दीपिका पांडेय
झारखंड राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कृषि विभाग विभिन्न स्तरों पर काम कर रहा है। 7 अगस्त को मंत्रिमंडल परिषद की बैठक में किसान हित से जुड़े तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों के पारित होने के बाद राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री, दीपिका पांडेय ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
ऋण माफी योजना में वृद्धि
दीपिका पांडेय ने कहा कि राज्य के किसानों को राहत देने के उद्देश्य से ऋण माफी योजना की राशि को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा, फसल सुरक्षा योजना में 30 करोड़ रुपये और बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 50 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इस योजना का कुल प्रस्तावित बजट 750 करोड़ रुपये है।
मंत्रिपरिषद में पारित कृषि विभाग के प्रस्ताव
1. झारखंड कृषि ऋण माफी योजना
झारखंड कृषि ऋण माफी योजना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी किसान कल्याणकारी योजना है, जिसका संचालन वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक किया गया है। अब तक, राज्य के कुल 4,73,567 किसानों का कुल 1900.35 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है। इस योजना का लाभ उन किसानों को दिया जाता है जिन्होंने अल्पावधि फसल ऋण के माध्यम से किसी भी राज्य स्थित बैंक से ऋण लिया हो। 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋण बकाया खातों में 50,000 रुपये तक की बकाया राशि माफ की जाती थी।
कृषकों की मांग को ध्यान में रखते हुए, इस राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है। 7 अगस्त 2024 को मंत्रिपरिषद द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2 लाख रुपये तक की ऋण माफी का लाभ राज्य के किसानों को मिलेगा, जिस पर लगभग 750 करोड़ रुपये के व्यय की संभावना है।
2. बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को वित्तीय वर्ष 2024-25 से राज्य में पुनः कार्यान्वित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत, आकस्मिक परिस्थितियों में फसल के बर्बाद होने पर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट उपबंध प्राप्त हुआ है, जिसे अनुपूरक बजट में 250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त उपबंध प्रस्तावित है।
3. फसल सुरक्षा कार्यक्रम योजना
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए फसल सुरक्षा कार्यक्रम योजना के तहत 30 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के पौधा संरक्षण केंद्रों को सशक्त बनाना और किसानों में कीट एवं बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसके तहत, मानवबल, पौधा संरक्षण रसायनों और उपकरणों से सुसज्जित केंद्रों के माध्यम से फसल उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा।