प्रमुख बिंदु:
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JPSC मुख्य परीक्षा के 10 महीने बाद भी परिणाम नहीं जारी
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बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर हेमंत सोरेन सरकार पर उठाए सवाल
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आंदोलन के बाद हुई JPSC अध्यक्ष की नियुक्ति, लेकिन रिजल्ट अब भी अधर में
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आयोग पर भ्रष्टाचार और सिफारिशी नियुक्तियों का आरोप
JPSC परीक्षा परिणाम में देरी पर बाबूलाल मरांडी का तीखा हमला
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की निष्क्रियता और देरी को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि हेमंत सरकार ने हर साल JPSC परीक्षा आयोजित करने का वादा किया था, लेकिन मुख्य परीक्षा के 10 महीने गुजर जाने के बाद भी परिणाम जारी नहीं किया गया है।
छात्र आंदोलनों के बाद भी नहीं मिला समाधान
मरांडी ने लिखा कि JPSC की निष्क्रियता को लेकर छात्रों ने महीनों तक आंदोलन किया। इसके दबाव में आकर सरकार ने अध्यक्ष की नियुक्ति की, जिससे युवाओं को थोड़ी उम्मीद जगी थी। लेकिन अफसोस की बात है कि नई अध्यक्ष भी अब तक एक कदम आगे नहीं बढ़ा पाए हैं।
JPSC को पंगु बनाने का आरोप
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन ने JPSC में अपने करीबी नेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों के रिश्तेदारों को नियुक्त कर आयोग को पंगु बना दिया है। उन्होंने कहा कि आयोग के सदस्य केवल वेतन ले रहे हैं, जबकि लाखों छात्र परिणाम की प्रतीक्षा में दर-दर भटक रहे हैं।
युवा वर्ग में बढ़ता आक्रोश
JPSC के परिणाम में देरी से राज्य के युवा वर्ग में गहरी नाराजगी है। बार-बार आंदोलन और विरोध के बावजूद सरकार और आयोग की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। बाबूलाल मरांडी ने सरकार से पूछा है कि आखिर कब तक छात्र ऐसे ही ठगे जाते रहेंगे?