JSSC recruitment controversy

सहायक आचार्य: शिक्षक के आत्महत्या के बाद संघर्ष मोर्चा ने रखी 4 मांगें.

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JSSC की नीतियों से सहायक अध्यापक की मौत, संघर्ष मोर्चा ने दी उम्मीदवारों को हिम्मत रखने की अपील

मुख्य बातें:

  • फाइनल लिस्ट से नाम गायब होने पर सहायक अध्यापक ने की आत्महत्या

  • JSSC की भर्ती प्रक्रिया और सरकार के मौन पर सवाल

  • संघर्ष मोर्चा ने 4 प्रमुख मांगें रखीं

  • उम्मीदवारों से अपील – जीवन अनमोल है, हिम्मत न हारें



घटना जिसने झकझोर दिया

रांची, 15 अगस्त 2025- झारखंड राज्य टेट पास सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा ने जानकारी दी है कि, 14 अगस्त की सुबह 9:30 बजे, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की भर्ती प्रक्रिया से निराश होकर पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड में कार्यरत सहायक अध्यापक राजेश भंडारी ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने सहायक आचार्य परीक्षा में दस्तावेज़ सत्यापन (DV) सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था। लेकिन बिना किसी नोटिस के फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आया।

अंतिम दिनों का सिलसिला

13 अगस्त को राजेश भंडारी अपने साथी के साथ JSSC कार्यालय पहुंचे और आपत्ति दर्ज कराई। साथी ने पूरे रास्ते उन्हें समझाने की कोशिश की कि, संभव है दूसरी DV लिस्ट में उनका नाम आए, लेकिन घर लौटने के अगले दिन उन्होंने यह चरम कदम उठा लिया। इस घटना ने उनके परिवार और सहकर्मियों को गहरे सदमे में डाल दिया है।

संघर्ष मोर्चा का बयान

झारखंड राज्य TET पास सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा, रांची ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि JSSC की गलत नीतियों एवं सरकार के मौन रवैये ने एक परिवार को तबाह कर दिया। मोर्चा ने स्वर्गीय राजेश भंडारी की आत्मा की शांति और परिवार को इस कठिन घड़ी में साहस देने की प्रार्थना की।

उम्मीदवारों से भावनात्मक अपील

संघर्ष मोर्चा ने सभी टेट पास सहायक अध्यापकों से हाथ जोड़कर विनती की कि किसी भी निराशा में अपनी जान न दें। बयान में कहा गया—
“आप अपने परिवार के पालनहार हैं, जीवन अनमोल है। चाहे DV में नाम न आए या मेरिट लिस्ट से नाम गायब हो, जंग हारकर नहीं जीती जाती, बल्कि संघर्ष से जीत हासिल होती है।”

चार बड़ी मांगें

संघर्ष मोर्चा ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए चार प्रमुख मांगें रखीं—

  1. जिनका फाइनल आंसर की में अंक कटऑफ से अधिक है, उनके नोर्मलाइजेशन नंबर सार्वजनिक किए जाएं और DV कराया जाए।

  2. जिनका सफल DV हुआ है, उनका नाम मेरिट लिस्ट में अवश्य शामिल हो, क्योंकि सीटों की कमी नहीं है।

  3. DV के दौरान नोटिस मिलने पर भी यदि उम्मीदवार कानूनी रूप से पात्र हैं, तो उनका फाइनल रिजल्ट जारी हो।

  4. जिला काउंसिलिंग में बेवजह नोटिस मिलने पर उम्मीदवार 135 पेज वाला नियुक्ति विज्ञापन साथ लेकर जाएं और अपने अधिकार का जवाब मजबूती से दें।

आगे की योजना

संघर्ष मोर्चा ने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही प्रदेश कमेटी के साथ रांची दौरे पर जाकर प्रभावित उम्मीदवारों के साथ खड़ा रहेगा। संगठन ने कहा कि हर समस्या का समाधान है, बस मिलकर लड़ने की जरूरत है।

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