19 अप्रैल: राजनीति, विज्ञान और स्वतंत्रता संग्राम की यादगार तारीख.

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आज का इतिहास (19 अप्रैल): श्यामा प्रसाद मुखर्जी का इस्तीफा और भारत के अंतरिक्ष युग की शुरुआत सहित कई ऐतिहासिक घटनाएं

परिचय: आज, कल और आने वाला कल
आज वर्तमान है, कल बीता हुआ अतीत और आने वाला कल भविष्य। अतीत, जिसे हम इतिहास कहते हैं, केवल घटनाओं का संग्रह नहीं है बल्कि वह वर्तमान को दृष्टि और भविष्य को दिशा देने वाला ज्ञान है। इतिहास में दर्ज हर तारीख, हर घटना, आज के समाज के लिए एक सबक होती है। आज हम 19 अप्रैल की उन ऐतिहासिक घटनाओं और व्यक्तित्वों से आपको रूबरू कराते हैं जिन्होंने देश और दुनिया के इतिहास को एक नई दिशा दी।

Shyama Prasad Mukherjee ResignationHistory of 19 April
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का इस्तीफा

श्यामा प्रसाद मुखर्जी का ऐतिहासिक इस्तीफा

19 अप्रैल 1950 को भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली सरकार से इस्तीफा दे दिया। वे स्वतंत्र भारत की पहली केंद्र सरकार में उद्योग और आपूर्ति मंत्री थे, लेकिन नेहरू-लियाकत समझौते के विरोध में उन्होंने मंत्रिमंडल छोड़ दिया। यह कदम उस समय एक साहसी और विचारधारात्मक निर्णय माना गया।

इसके बाद 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की और इसके पहले अध्यक्ष बने। 1952 के पहले आम चुनाव में जनसंघ ने लोकसभा की तीन सीटें जीतीं। उनका यह कदम भारत की विपक्षी राजनीति की नींव के रूप में देखा जाता है।


19 अप्रैल: इतिहास की अन्य प्रमुख घटनाएं

  • 1451 – बहलोल लोदी ने दिल्ली पर कब्जा किया, जिससे लोदी वंश की शुरुआत हुई।

  • 1770 – कप्तान जेम्स कुक ऑस्ट्रेलिया पहुंचने वाले पहले पश्चिमी व्यक्ति बने।

  • 1775 – अमेरिका की स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई।

  • 1882 – कलकत्ता (अब कोलकाता) में भारत के पहले प्रसूति अस्पताल की शुरुआत हुई।

  • 1910 – हेली पुच्छल तारे को पहली बार सामान्य रूप से देखा गया।

  • 1919 – अमेरिका के लेस्ली इरविन ने पैराशूट से पहली बार सफल छलांग लगाई।

  • 1936 – फिलिस्तीन में यहूदी विरोधी दंगे शुरू हुए, जो आगे चलकर अरब-इजरायल संघर्ष का कारण बने।

  • 1971 – भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार टेस्ट क्रिकेट श्रृंखला जीती।

  • 1972 – बांग्लादेश राष्ट्रमंडल का सदस्य बना, यह उसकी अंतरराष्ट्रीय मान्यता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था।

  • 1975 – भारत ने अपना पहला उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ लॉन्च किया और अंतरिक्ष युग में प्रवेश किया। यह उपग्रह भारतीय वैज्ञानिक क्षमता का प्रतीक बना।

  • 1977 – भारत में सेटेलाइट कम्युनिकेशन की शुरुआत हुई।

  • 2001 – बीएसएफ ने मेघालय सीमा पर बांग्लादेशी सेना को खदेड़ा।

  • 2003 – चीन की महिला भारोत्तोलक बांग मिंग च्यान ने विश्व रिकार्ड बनाया।

  • 2005 – जर्मनी के कार्डिनल योसिफ़ रान्सिंगर रोमन कैथोलिक चर्च के पोप चुने गए।

  • 2006 – नील आर्मस्ट्रांग को चांद से लाया गया टुकड़ा उपहार स्वरूप दिया गया।

  • 2008 – उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए नई समिति गठित करने की घोषणा की।


आज के दिन जन्मे प्रमुख व्यक्ति

  • 1864 – महात्मा हंसराज: पंजाब के महान आर्य समाजी नेता, समाज सुधारक और शिक्षाविद। डीएवी स्कूलों की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही।

  • 1950 – एचएस ब्रह्मा: भारत के 19वें मुख्य चुनाव आयुक्त, जिन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त किया।

  • 1977 – अंजू बॉबी जॉर्ज: भारत की प्रमुख एथलीट, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में भारत का नाम रोशन किया।


आज के दिन जिनका हुआ निधन

  • 1882 – चार्ल्स डार्विन: महान प्रकृतिवादी और ‘प्राकृतिक चयन के सिद्धांत’ के जनक। उनका योगदान विज्ञान को एक नई दिशा देने वाला रहा।

  • 1910 – अनंत लक्ष्मण कन्हेरे: भारत के युवा क्रांतिकारी, जिन्होंने अंग्रेज अफसर की हत्या कर स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी।

  • 1943 – सी. विजय राघवा चारियर: प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय नेता।

  • 2021 – सुमित्रा भावे: प्रसिद्ध मराठी फिल्म निर्माता, जिन्होंने सामाजिक मुद्दों पर आधारित कई उत्कृष्ट फिल्में बनाईं।


महत्वपूर्ण दिवस: वर्ल्ड लीवर डे

19 अप्रैल को विश्व लीवर दिवस (World Liver Day) के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को लीवर से संबंधित बीमारियों और उनके रोकथाम के बारे में जागरूक करना है। लीवर शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है जो पाचन, विषहरण और ऊर्जा संग्रहण जैसे कई आवश्यक कार्य करता है। इस दिवस पर स्वास्थ्य संगठन और विशेषज्ञ लीवर को स्वस्थ रखने के उपायों पर जोर देते हैं।


19 अप्रैल का दिन भारत और विश्व इतिहास में कई मायनों में महत्वपूर्ण है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी का इस्तीफा जहां भारतीय राजनीति को एक वैचारिक आयाम देता है, वहीं आर्यभट्ट उपग्रह का प्रक्षेपण भारत की वैज्ञानिक उन्नति की ओर एक बड़ा कदम था। इसके अलावा कई अंतरराष्ट्रीय घटनाएं, वैज्ञानिक उपलब्धियां और महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों के जन्म व निधन ने इस दिन को ऐतिहासिक बना दिया।

इतिहास केवल जानने की वस्तु नहीं है, बल्कि सीखने और समझने का माध्यम भी है। आज का दिन हमें यही सिखाता है कि अतीत से सीखकर हम वर्तमान को बेहतर बना सकते हैं और भविष्य को सशक्त दिशा दे सकते हैं।

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