मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खेतों का किया दौरा, किसानों से की चर्चा और समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया
मुख्य बिंदु:
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नेमरा स्थित पैतृक आवास से निकलकर खेतों का दौरा किया।
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बारिश में चल रही धान की बुवाई के दौरान किसानों, विशेषकर ग्रामीण महिलाओं से संवाद किया।
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कृषि को राज्य की पहचान, संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया।
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किसानों की समस्याओं को जाना और समाधान का भरोसा दिया।
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सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ने का आग्रह किया।
रामगढ़, 8 अगस्त 2025 — झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का खेती-किसानी से लगाव जगजाहिर है। यह बात एक बार फिर साबित हुई जब उन्होंने अपने पैतृक आवास नेमरा से निकलकर सीधे खेतों में जाकर धनरोपनी करते किसानों के बीच पहुंचकर उनसे संवाद किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि न केवल अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, बल्कि यह हमारी पहचान, अस्मिता, संस्कृति और परंपरा की भी वाहक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक किसान खुशहाल नहीं होगा, तब तक देश और राज्य की समृद्धि संभव नहीं है। उन्होंने सरकार की ओर से किसानों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

बारिश के मौसम में खेतों में चल रही धान की बुवाई के दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय ग्रामीण महिलाओं से मिलकर उनकी बात सुनी और खेती-किसानी की वर्तमान स्थिति को समझा। उन्होंने कहा, “खेती की हरियाली किसानों की कड़ी मेहनत को दर्शाती है। जब फसलें लहलहाएंगी, तो यह किसानों के चेहरे की मुस्कान बनेगी।”
किसानों के बीच जाकर मुख्यमंत्री ने उनसे सीधे संवाद किया और उनकी परेशानियों को जाना। उनकी बातों से किसानों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने कहा, “किसानों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने आपके लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे जुड़कर आप अपने आप को सशक्त बना सकते हैं। मैं आपके साथ हमेशा खड़ा हूं। आपकी कोई भी समस्या हो, मुझे बताएं, उसका समाधान निश्चित रूप से किया जाएगा।”
इस अवसर पर कृषि विभाग के अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जिन्होंने मुख्यमंत्री को किसानों की समस्याओं और जरूरतों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री के इस दौरे से क्षेत्र के किसानों में उत्साह और उम्मीद की लहर दौड़ गई है।