निर्मला भगत के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव खारिज, आजसू पार्टी ने जताया आभार
मुख्य बिंदु:
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रांची जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला भगत के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव निरस्त
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65 में से केवल 8 सदस्य उपस्थित, कोरम नहीं हुआ पूरा
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आजसू पार्टी ने सभी समर्थकों और सहयोगियों को दिया धन्यवाद
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निर्मला भगत की कार्यशैली और नेतृत्व को लेकर सदस्यों का विश्वास बरकरार
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झारखंड आंदोलनकारियों और नेताओं ने भी दी बधाई
अविश्वास प्रस्ताव हुआ फेल, समर्थन में दिखी एकजुटता
रांची, 07 जुलाई 2025: आजसू पार्टी की वरिष्ठ नेता और रांची जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला भगत के विरुद्ध लाया गया अविश्वास प्रस्ताव आज सदन में गिर गया। कुल 65 सदस्यों में से केवल 8 सदस्य ही उपस्थित हुए, जिससे प्रस्ताव कोरम के अभाव में स्वतः निरस्त हो गया।

आजसू पार्टी ने जताया समर्थन करने वालों का आभार
इस घटनाक्रम पर आजसू पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा कि निर्मला भगत ने अपने कार्यकाल में ईमानदारी, पारदर्शिता और विकास केंद्रित प्रशासन के जरिए अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने प्रस्ताव के विफल होने को उनकी लोकप्रियता और कार्यशैली पर जनता और जनप्रतिनिधियों के विश्वास का प्रमाण बताया।
पार्टी ने सभी सांसदों, विधायकों, जिला परिषद सदस्यों, प्रखंड प्रमुखों और आंदोलनकारी नेताओं का आभार व्यक्त किया जिन्होंने निर्मला भगत के साथ खड़े रहकर लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखा।
झारखंड आंदोलनकारियों और नेताओं ने दी बधाई
झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने भी निर्मला भगत को बधाई देते हुए कहा कि जिला परिषद को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने का सपना देखने वालों को करारी शिकस्त मिली है। उन्होंने इस फैसले को साफ-सुथरे प्रशासन और जवाबदेही की जीत बताया।
पार्टी नेताओं ने दिखाया समर्थन
निर्मला भगत को बधाई देने वालों में आजसू पार्टी के कई प्रमुख नेता शामिल रहे, जिनमें दीपक महतो, चिंटू मिश्रा, बनमाली मंडल, नईम अंसारी, परवाज खान, ज्ञान सिन्हा, कुमोद वर्मा, ज्योत्सना केरकेट्टा, राजाराम महतो, लाल प्रेम प्रकाश नाथ शाहदेव, अनिल महतो, संजय गोप, ओम वर्मा, ऋतुराज शाहदेव, देवाशीष चट्टोराज, डॉ पार्थ परितोष, लाडले खान, सज्जाद आलम, सुरेन्द्र लिंडा, महादेव मुंडा जैसे नाम शामिल हैं।
नेतृत्व, नीतियों और संघर्ष की पहचान बनी निर्मला भगत
निर्मला भगत न केवल रांची जिला परिषद की अध्यक्ष हैं, बल्कि आजसू पार्टी की केंद्रीय महासचिव भी हैं। वे झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता और सरना धर्म गुरु स्व. वीरेंद्र भगत की पत्नी हैं। उनकी राजनीतिक सक्रियता, सामाजिक सरोकार और जनकल्याण की प्रतिबद्धता ने उन्हें जनप्रतिनिधियों में एक मजबूत और सम्मानित नेता के रूप में स्थापित किया है।
निर्मला भगत के विरुद्ध लाया गया अविश्वास प्रस्ताव न केवल तकनीकी रूप से फेल हुआ, बल्कि यह भी दर्शाता है कि क्षेत्रीय राजनीति में पारदर्शी और मजबूत नेतृत्व को जनता और प्रतिनिधियों का भरपूर समर्थन प्राप्त है। आजसू पार्टी ने इस मौके को एकजुटता और विश्वास की जीत करार दिया है।