Champai Soren Minister Banna Gupta

चंपाई को विभीषण कहने पर भड़की भाजपा। प्रतुल ने बन्ना को बताया चाटुकार।

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भाजपा की प्रतिक्रिया

भारतीय जनता पार्टी ने मंत्री बन्ना गुप्ता के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को “विभीषण” कहने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि अगर बन्ना गुप्ता, चंपई सोरेन को विभीषण बता रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल “रावण राज” के समान है। उन्होंने कहा कि अनजाने में ही सही, लेकिन बन्ना गुप्ता ने हेमंत सोरेन सरकार की तुलना रावण राज से कर दी है।

चंपई सोरेन का अपमान: भाजपा का गुस्सा

प्रतुल शाह देव ने आरोप लगाया कि चाटुकारिता में बन्ना गुप्ता ने शब्दों की मर्यादा को भूलकर कोल्हान के एक जमीन से जुड़े कद्दावर आदिवासी नेता का अपमान किया है। प्रतुल ने यह भी कहा कि बन्ना गुप्ता इससे पहले भी अपने विवादास्पद कार्यों और टिप्पणियों के कारण चर्चा में रहे हैं।

वर्तमान स्थिति को ‘रावण राज’ की संज्ञा

प्रतुल ने वर्तमान राज्य सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में रावण राज जैसे हालात हैं। पिछले साढ़े चार वर्षों में 7000 से ज्यादा बेटियों के साथ अपराध हुआ है, 7000 से ज्यादा हत्याएं हुई हैं, और हजारों लूट व अपहरण की घटनाएं सामने आई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नक्सलियों का तांडव हो रहा है, जबकि शहरी क्षेत्रों में संगठित आपराधिक गिरोह वकील, नेता, पुलिसकर्मी और आम जनता की हत्याएं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी इस रावण राज के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे बन्ना गुप्ता जैसे लोग टारगेट कर रहे हैं।

कांग्रेस पर निशाना: सत्ता के लिए समझौता

प्रतुल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद सिर्फ सत्ता के लोभ में रावण राज के कुकर्मों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सिर्फ मंत्री पद और ब्रीफकेस के लालच में सरकार को समर्थन दे रही है और राज्य में फैली अराजकता पर चुप्पी साधे हुए है। प्रतुल ने पूछा कि कांग्रेस कब तक इस रावण राज में कुंभकर्ण बन कर सोती रहेगी?

भविष्य की चेतावनी

प्रतुल ने बन्ना गुप्ता पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह वही मंत्री हैं जिन्होंने खुद को कोरोना वॉरियर के रूप में पुरस्कृत किया था। उन्होंने चेतावनी दी कि कोल्हान के आदिवासी बेटे का अपमान इस सरकार और सत्ताधारी विधायकों को आगामी विधानसभा चुनाव में महंगा पड़ेगा। प्रतुल ने कहा कि सोरेन डायनेस्टी के बाहर का कोई भी आदिवासी नेता इस परिवार को पचता नहीं है, और ऐसे नेताओं पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आक्रमण शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन प्रकरण ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की घटिया राजनीति को जनता के सामने पूरी तरह से उजागर कर दिया है।

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