इस लोकसभा चुनाव में झारखंड कांग्रेस को अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। कांग्रेस को लोहरदगा और खूंटी सीट पर ही कामयाबी मिली जबकि, पार्टी 07 सीटों पर चुनाव लड़ी। 2019 में पार्टी के पास मात्र एक सांसद चाईबासा से थीं जो बाद में भाजपा में चली गईं। लिहाजा, इस पूरे चुनाव परिणाण की समीक्षा की जा रही है। अध्यक्ष से लेकर के बूथ लेवल में तैनात कार्यकर्ताओं के कार्यों की समीक्षा हो रही है। जो लोग भी जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि, मेरी भी जिम्मेदारी है। पार्टी आला कमान को मुझे जो कहना था मैं कह चुका हूं। राज्य के स्तर पर जिम्मेदारी तय की जा रही है।
रांची में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए गुलाम अहमद मीर ने कहा कि, ये सही है कि, हमने जो चाहा था। वो परिणाम हमें नहीं मिले हैं लेकिन 2019 के मुकाबले हमने बेहतर रिजल्ट दिया है। गठबंधन ने भी 2019 की तुलना में बेहतर किया है। संगठन में फेर बदल के सवाल पर उन्होंने कहा कि, पहले समीक्षा होगी उसके बाद ही आगे कोई कदम उठाया जाएगा।
मंत्री आलमगीर आलम के जेल चले जाने के बाद कांग्रेस विधायक दल का पद खाली है। लिहाजा, इसपर अब दिल्ली दरबार में फैसला होगा। इस रेस में कैबिनेट मंत्री रामेश्वर उरांव का नाम सबसे आगे चल रहा है। खाली मंत्री पद भरे जाने का फैसला भी दिल्ली में ही होगा। इस रेस में जामताड़ा से विधायक इरफान अंसारी और महागामा की विधायक दीपिका पांडे सिंह आगे चल रही हैं।
14 दिनों की पूछताछ के बाद मंत्री आलमगीर आलम भेजे गए होटवार जेल।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि, लोकसभा चुनाव की समीक्षा के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी का बिगुल भी बज गया है अब बैठने का वक्त नहीं है बल्कि काम में जुट जाने का समय है। कुल मिलाकर कहें तो कांग्रेस की सांगठनिक कमजोरी उन्हे चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं दिला सकी है।