वित्त रहित शिक्षक वित्त रहित शिक्षकों का आंदोलन झारखंड

वित्त रहित शिक्षकों की मांगों के लिए बनेगी कमेटी। शिक्षा मंत्री के साथ हुई वार्ता।

झारखंड/बिहार रोज़गार समाचार

शालीमार बाजार में शिक्षकों का जमावड़ा

वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आवाहन पर राज्य भर से 5000 से ज्यादा शिक्षक शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम के आवास का घेराव करने के लिए शालीमार बाजार, धुर्वा, रांची पहुंचे। संस्कृत शिक्षक पीला वस्त्र और मदरसा के शिक्षक उजाला टोपी पहने हुए थे। प्रदर्शन में 500 से ज्यादा महिला शिक्षिकाएं शामिल थीं। सभी शिक्षक 12:00 बजे तक शालीमार बाजार में पहुंच गए थे।

प्रशासन का विरोध

प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। सिटी एसपी, डीएसपी, एसडीएम, डीएसपी धुर्वा और भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात थे। प्रशासन ने माइक वाले को वहां से हटा दिया और बैनरों को तोड़ दिया, जिससे शिक्षकों के साथ नोक-झोंक हुई।

प्रशासन का निर्देश

प्रशासन ने कहा कि यह प्रतिबंधित क्षेत्र है और धरना स्थल पर जाने का निर्देश दिया। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि उनका घेराव कार्यक्रम है, धरना नहीं।

वार्ता के बिंदु

वार्ता निदेशक माध्यमिक शिक्षा के कक्ष में हुई, जिसमें विभागीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे। मोर्चा के प्रतिनिधियों ने तीन सूत्री मांगें रखीं, जिनमें अनुदान राशि 75% बढ़ाने, अनुदान राशि सीधे शिक्षकों के खाते में भेजने और वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त कर शिक्षक कर्मियों को राज्य कर्मी के समान वेतन देने की मांगें शामिल थीं।

निदेशक की प्रतिक्रिया

निदेशक ने सभी बिंदुओं को ध्यान से सुना और एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई का आश्वासन दिया। विभागीय पदाधिकारी को संचिका बढ़ाने के आदेश दिए।

शिक्षा मंत्री के साथ वार्ता

शिक्षा मंत्री बैजनाथ राम जी ने 5:00 बजे वार्ता के लिए वितरहित शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल को बुलाया और उनके आवास पर वार्ता हुई। मंत्री ने अनुदान बढ़ाने, खाता में भेजने और राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए कार्मिक विभाग को स्मार पत्र भेजने और एक कमेटी बनाने की घोषणा की।

कार्यक्रम का स्थगन

02 अगस्त को विधानसभा के सामने महाधरना और 9 अगस्त क्रांति दिवस के दिन होने वाले कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। मोर्चा के अध्यक्ष मंडल की बैठक 12 अगस्त को बुलाई गई है जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।

प्रदर्शन का नेतृत्व

प्रदर्शन का नेतृत्व चंदेश्वर पाठक, दिलीप घोष, इंद्रदेव मेहता, रघु विश्वकर्मा, रेशमा बेक, पशुपति महतो, अमित कुमार, कमलेश ठाकुर, परमेश्वर शर्मा, कुंदन कुमार सिंह, मुरारी सिंह, उदय कुमार, चंद्रशेखर, अर्जुन पांडे, महात्मा प्रसाद सिंह, मनोज कुमार, देव राज मिश्रा, रामचंद्र पासवान, अजय कुमार सिंह और बिरसो उरांव ने किया।

 

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