बिहार पुलिस की बर्बरता: बीपीएससी छात्रों पर लाठियां और ठंड में पानी की बौछार
बिहार में बीपीएससी छात्रों के प्रदर्शन पर पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी हैं। बीती रात छात्रों पर जमकर लाठियां बरसाई गईं और कड़ाके की ठंड में पानी की बौछारें डाली गईं। इसके बावजूद छात्र अपनी पुनः परीक्षा (Re-Examination) की मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
नीतीश सरकार पर पेपर लीक मामले को लेकर सवाल
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है, जिसे बीजेपी और जेडीयू मिलकर चला रहे हैं। सरकार पर आरोप है कि पेपर लीक जैसी गंभीर घटनाओं के बावजूद परीक्षा रद्द नहीं की जा रही है। हालांकि, आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षा दोबारा नहीं होगी, जिससे छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
प्रशांत किशोर और खान सर को छात्रों ने भगाया
प्रशांत किशोर छात्रों से मिलने और ठंड से बचाने के लिए कंबल देने पहुंचे, लेकिन गुस्साए छात्रों ने उन्हें वहां से भगा दिया। छात्रों का आरोप है कि वह कंबल देकर अपनी राजनीति साधने की कोशिश कर रहे थे। इससे पहले, खान सर को भी बीपीएससी आंदोलनकारी छात्रों ने मौके से भगा दिया था।
झारखंड बनाम बिहार: आंदोलन का तरीका
बिहार के छात्रों ने झारखंड के छात्रों से अधिक समझदारी दिखाई है। झारखंड में जेपीएससी और जेएसएससी से जुड़े आंदोलनों को अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक समर्थन मिलता है। कोचिंग संचालक और छात्र नेता राजनीतिक दलों के इशारों पर काम करते हैं। लेकिन बिहार में आंदोलनकारियों ने ऐसे लोगों को सीधे तौर पर बाहर कर दिया है।
विधानसभा चुनाव 2025 और छात्रों का गुस्सा
बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले छात्रों का यह गुस्सा नीतीश कुमार और एनडीए सरकार के लिए घातक साबित हो सकता है। प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और उनके नेता तेजस्वी यादव ने छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की कड़ी आलोचना की है।