झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। इस वीडियो संदेश में उन्होंने पुलिस के बीच से फरार होने के आरोप के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। साथ ही जिस नॉमिनेशन को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा था उसके बारे में भी बताया है। जयराम महतो ने राजनीतिक षड्यंत्र की तरफ भी इशारा किया है।
करीब 8 मिनट के अपने वीडियो संदेश में जयराम महतो ने कहा है कि, वे पुलिस के बीच से फरार नहीं हुए बल्कि पुलिस के सामने से गए। पुलिस ने खुद उन्हे जाने का रास्ता दिया। जयराम महतो ने कहा कि, उन्होंने पुलिस से आग्रह भी किया था अभी जिस तरह से भीड़ की भावना है। ऐसे वक्त में अगर उनका डिटेन किया जाता है तो कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने इस बारे में डीएसपी और एसपी को भी बताया था। जयराम महतो ने कहा कि, पुलिस ने ही उनको वहां से निकलने का रास्ता दिया। जयराम महतो की माने तो अगर उनकी गिरफ्तारी होती तो बहुत सारे लोग आत्मदाह करने को तैयार थे। इतना ही नहीं उस दिन बोकारो की कानून व्यवस्था की स्थिति क्या होती यह कोई नहीं जानता है।
जयराम महतो ने अपने नॉमिनेशन को लेकर भी विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि, नामांकन पत्र वे खुद से नहीं बल्कि उनके वकील ने भरा है। लिहाजा मानवीय भूल किसी से भी हो सकती है। जहां तक केस का सवाल है तो उन्हें बिल्कुल नॉमिनेशंस के एक दिन पहले इस बारे में जानकारी मिली। लिहाजा उन्होंने उससे संबंधित जानकारी का पेपर भी नामांकन पत्र में संलग्न किया। यह भी खबर फैलाई गई की तीन सीट का नामांकन रद्द हुआ जो गलत है। जयराम महतो ने बताया कि, एक नामांकन का पत्र रद्द हुआ और तीन एक्सेप्ट हुआ। एक पत्र इस वजह से रद्द हुआ की गड़बड़ी से नाम किसी और का और हस्ताक्षर किसी और का हो गया।
इंडिया गठबंधन और एनडीए एलाइंस पर निशाना साधते हुए जयराम महतो ने कहा कि, उनकी सभाओं में जो भीड़ आती है वह पैसों के बल पर आती है। जयराम ने कहा कि, उनके साथ जुड़ने वाले लोग अपनी इच्छा और अपने खर्चे से उनकी सभाओं में पहुंचते हैं। लिहाजा, उनकी भीड़ और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची गई है।