Jharkhand Bijli Vibhag news

JUVNL में 40 वाहन बिना टेंडर – अजय राय की मांग, “हो उच्च स्तरीय जांच”

झारखंड/बिहार रोज़गार समाचार

झारखंड ऊर्जा निगम में बिना टेंडर लिए गए 40 वाहन? श्रमिक संघ ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

अनस्किल्ड वर्कर्स की बदहाली और वेतन लंबित मामले पर भी अजय राय ने उठाई आवाज

रांची, 18 जुलाई 2025: झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने शुक्रवार को झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (JUVNL) के जी.एम. (एच.आर) सुनील दत्त खाखा से मुलाकात की। यह बैठक निगम से जुड़े ज्वलंत मुद्दों, खासकर श्रमिक हितों और वित्तीय पारदर्शिता को लेकर बेहद अहम रही।

मुख्य बिंदु 

  • बिना टेंडर लिए गए 40 गाड़ियों की उच्च स्तरीय जांच की मांग

  • फील्ड में कार्यरत अनस्किल्ड वर्करों की सुरक्षा व सेवा शर्तों पर चिंता

  • समान कार्य के लिए समान वेतनमान की पुरजोर मांग

  • चार माह से वेतन नहीं पाने वाले ड्राइवरों के भुगतान की मांग

  • आगामी बहाली में पारदर्शिता और मौजूदा कर्मियों को प्राथमिकता पर ज़ोर



बिना टेंडर के लिए गए 40 वाहन: गंभीर वित्तीय अनियमितता का आरोप

अजय राय ने आरोप लगाया कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने बिना किसी वैध निविदा प्रक्रिया के सीधे 40 गाड़ियों को किराए पर लिया है। उन्होंने इसे वित्तीय पारदर्शिता के खिलाफ बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

“बिना टेंडर इतनी बड़ी संख्या में वाहन लेना गंभीर लापरवाही और जवाबदेही का उल्लंघन है,” – अजय राय

चार महीने से वेतन नहीं: ड्राइवरों का दर्द

इन वाहनों के साथ जुड़े ड्राइवरों को पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। अजय राय ने इसे श्रम कानूनों का सीधा उल्लंघन बताया और कहा कि इससे ड्राइवरों के परिवार आर्थिक संकट में हैं।

अनस्किल्ड वर्करों की बदतर स्थिति पर संवाद

बैठक में अनस्किल्ड और असंगठित वर्करों की कार्य स्थितियों, सुरक्षा उपकरणों की कमी और सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। राय ने बताया कि फील्ड वर्कर्स अक्सर जोखिमभरे हालात में काम कर रहे हैं।

राज्य सरकार का बड़ा एक्शन: नक्सलियों पर 1 करोड़ तक का इनाम घोषित.

समान कार्य, समान वेतन की मांग

श्रमिक संघ ने दोहराया कि एक जैसे कार्य करने वाले कर्मियों को भिन्न वेतन देना न केवल अनुचित है, बल्कि कार्यस्थल पर असंतोष भी पैदा करता है।

भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता हो ज़रूरी

राय ने यह भी मांग रखी कि आगामी भर्ती में पूरी पारदर्शिता रखी जाए और वर्तमान में कार्यरत कर्मियों को प्राथमिकता मिले, जिससे उनके अनुभव को मान्यता दी जा सके।

GM (HR) का आश्वासन

श्री सुनील दत्त खाखा ने श्रमिक संघ की सभी मांगों को गंभीरता से सुनने के बाद भरोसा दिलाया कि वे इन मुद्दों को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाकर त्वरित समाधान की कोशिश करेंगे।

बैठक में शामिल प्रतिनिधि

  • अजय राय – अध्यक्ष, झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ

  • मुकेश साहू – संघ सदस्य

यह बैठक झारखंड ऊर्जा निगम में लंबे समय से चले आ रहे अनियमितताओं और श्रमिक शोषण के मुद्दों को एक बार फिर सतह पर लाने वाली साबित हुई। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन सिर्फ आश्वासन देगा या ठोस कदम भी उठाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *