आज यानी 28 मई को दुमका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा होने जा रही है। इस दौरान संताल परगना के तीनों ही प्रत्याशी इस दौरान मौजूद रहेंगे। सीता सोरेन के साथ ही गोड्डा से भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे और राजमहल से भाजपा प्रत्याशी ताला मरांडी भी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
हाइलाट्स
- दुमका में प्रधानमंत्री की चुनावी सभा।
- दुमका से सीता सोरेन की जीत की कितनी उम्मीद।
- सीता सोरेन के सामने झामुमो के नलिन सोरेन।
- सीता के सामने कल्पना सोरेन ने संभाला मोर्चा।
- सोरेन परिवार की लड़ाई जनता मेें पहुंची।
- सीता सोरेन की बेटियों ने संभाला मोर्चा।
दुमका का राजनीतिक महत्व।
दुमका का चयन इस वजह से किया गया है कि, यहां से सोरेन परिवार की पुत्रवधू सीता सोरेन भाजपा के टिकट से चुनावी मैदान में हैं। संताल परगना को सोरेन परिवार का गढ़ के तौर पर देखा जाता है। सीता सोरेन को पार्टी में लाकर बीजेपी ने परिवार की आंतरिक लड़ाई को राजनीतिक लड़ाई में तब्दील कर दिया है। सीता सोरेन का जीतना इस वजह से भी जरूरी है कि, इससे उनकी राजनीतिक साख और भविष्य दोनों बचा रहेगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ने के बाद सीता सोरेन लगातार हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन और बसंत सोरेन के साथ ही पूरी पार्टी पर हमलावर हैं।
दुमका में प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुमका के मंच से गोड्डा और राजमहल लोकसभा सीट की जनता को भी संबोधित करेंगे। भाजपा जानती है कि, संथाल में बीजेपी को मजबूत स्थिति में लाना झारखंड की राजनीति के लिहाज से बेहद जरूरी है। यही वजह है कि, पहले गृह मंत्री फिर रक्षा मंत्री पर अब प्रधानमंत्री का कार्यक्रम संताल में होने जा रहा है। सीता सोरेन के बहाने भाजपा न सिर्फ सोरेन परिवार बल्कि पूरी झारखंड मुक्ति मोर्चा को चुनौती देते हुए नजर आ रही है। यही वजह है कि, सीता सोरेन को जीत दिलाने के लिए पूरी पार्टी जोर लगा रही है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत तमाम बड़े पार्टी पदाधिकारी संताल में कैंप कर रहे हैं।
दुमका से नलिन सोरेन की उम्मीदवारी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दुमका लोकसभा सीट से अपने पुराने विधायक नलिन सोरेन को चुनावी मैदान में उतारा है। सीता सोरेन पहले नलिन सोरेन को अभिभावक कहती थीं और अब उन्हें बीज घोटाले का आरोपी कहती हैं। दोनों प्रत्याशियों के बीच तल्खी बेहद बढ़ गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए यह सीट जीतना बेहद जरूरी है। हेमंत सोरेन की गैर मौजूदगी में दुमका सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का परचम अगर लहराता है तो इससे सोरेन परिवार की पकड़ संताल में बरकरार रहेगी। यही वजह है कि, हेमंत सोरेन की धर्मपत्नी और पार्टी की स्टार कैंपेनर कल्पना सोरेन दिन रात संताल परगना और खासकर दुमका लोकसभा सीट में पसीना बहा रही हैं।
ग्लैडसन डुंगडुंग का तर्क।
आदिवासी मामलों की जानकारी ग्लैडसन डुंगडुंग कहते हैं कि, संथाल परगना में जाकर अगर कोई शिबू सोरेन को गाली देगा तो संताली समाज उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। उनका इशारा सीता सोरेन की तरफ था। दरअसल, पिछले दिनों सोशल मीडिया में एक पोस्ट खूब वायरल हुआ जिसमें सीता सोरेन कह रही हैं कि, बाप बेटा ने संताल को लूटा है। हालांकि, बाद में सीता सोरेन ने अपनी डिजिटल टीम पर ठीकरा फोड़ते हुए खुद को इससे अलग कर लिया। इस बात में पूरी सच्चाई है कि, सीता सोरेन भाजपा में जाने के बाद लगातार सोरेन परिवार यानी खुद के परिवार पर हमला बोल रही हैं।
सीता सोरेन की बेटियों की मौजूदगी।
सीता सोरेन की तीनों बेटियां भी अपनी मां के प्रचार प्रसार में जुटी हैं। सोशल मीडिया में बेहद एक्टिव होने की वजह से तीनों ही बेटियां अपने दोनों चाचा और चाची पर हमला बोल रही हैं। भाजपा के लिए प्रचार प्रसार कर रही हैं । परिवार में उनके साथ जो कथित तौर पर जुल्म व ज्यादती हुआ उसका बखान भी कर रही हैं।
प्रधानमंत्री का दुमका आना राजनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है। इस पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री के कई कार्यक्रम झारखंड के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में हुए। दुमका में यह पहला कार्यक्रम होने जा रहा है। आगामी 1 जून को दुमका लोकसभा सीट के लिए वोट डाले जाएंगे। सातवें चरण के साथ ही देश भर में मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। 4 जून को रिजल्ट आएंगे। उस दिन पता चलेगा कि, दुमका के साथ ही देश की जनता ने किसे अपना आशीर्वाद दिया है।