नाम दीपक कुमार श्रीवास्तव। उम्र करीब 48 साल। पेशा ठगी करना। अबतक इसके नाम विभिन्न स्थानों में 10 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। ठगी की वजह से होटवार जेल की हवा भी खा चुका है।
पिता हजारीबाग के वन क्षेत्र के पदाधिकारी थे। खुद भी बनारस से पढ़ाई की है। पिता की मौत के बाद अनुकंपा पर वन विभाग में नौकरी भी मिली लेकिन पैसे की लालच में धोखाधड़ी करना शुरू किया। सबसे पहले अपना शिकार रांची के कांके थाना क्षेत्र के रहने वाले एक वकील साहब को बनाया और 12 लाख रुपए की ठगी की।
रांची के लालपुर थाने में भी जनाब के नाम से मामले दर्ज है। इनकी गिरफ्तारी रांची के मोरहाबादी मैदान से हुई है। गिरफ्तारी के दौरान इसके पास से 1 लाख 74 हज़ार नकद राशि, तीन मोहर जो कृषि निदेशक झारखंड रांची का पाया गया। साथ ही जिला कृषि पदाधिकारी और ट्रेजरी ऑफिसर के साथ ही योजना पदाधिकारी का भी मोहर पाया गया।
इतना ही नहीं विभिन्न व्यक्तियों के आधार कार्ड के साथ ही कुल 7 की संख्या में बैंक पासबुक, 10 खाली चेक और मोबाइल फोन भी बरामद किए गए। गिरफ्तारी के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि, बरामद पासबुक, चेक का उपयोग वो ठगी के लिए किया करता था। रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी।