11 मार्च को राज्यभर में शैक्षणिक हड़ताल, स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद
वित्त रहित शिक्षण संस्थानों में हड़ताल
11 मार्च 2025 को राज्य के वित्त रहित स्कूल, इंटर कॉलेज, संस्कृत विद्यालय और मदरसा विद्यालयों में शैक्षणिक हड़ताल रहेगी। यह हड़ताल वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त कर शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन की मांग को लेकर की जा रही है।
नवमी बोर्ड परीक्षा वाले संस्थान हड़ताल से मुक्त
जिन संस्थानों में नवमी बोर्ड की परीक्षा आयोजित हो रही है, उन्हें हड़ताल से मुक्त रखा गया है ताकि परीक्षाओं पर कोई प्रभाव न पड़े।
1250 शिक्षण संस्थानों में रहेगा हड़ताल
राज्यभर के 1250 इंटर कॉलेज, उच्च विद्यालय, संस्कृत विद्यालय और मदरसा विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य पूरी तरह ठप रहेगा। राज्य के सभी इंटर कॉलेज और स्कूल बंद रहेंगे, जिनके मुख्य द्वार पर ताले लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री से वित्त रहित शिक्षा नीति समाप्त करने की मांग
हड़ताल के दौरान शिक्षक और कर्मचारी स्कूलों और कॉलेजों के गेट पर नारेबाजी करेंगे। वे मुख्यमंत्री से वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त कर शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने की मांग करेंगे।
राज्य कर्मी का दर्जा और 75% अनुदान वृद्धि की मांग
मोर्चा लंबे समय से शिक्षकों और कर्मचारियों को राज्य कर्मी का दर्जा देने और 75% अनुदान वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलनरत है। इसी क्रम में 5 मार्च को आयोजित महा धरना में सर्वसम्मति से 11 मार्च को शैक्षणिक हड़ताल करने का निर्णय लिया गया था।
3 लाख से अधिक विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी
इस हड़ताल के कारण राज्यभर में लगभग 3 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होगी।
25 मार्च को विधानसभा के सामने महा धरना
मोर्चा ने घोषणा की है कि आगामी 25 मार्च को विधानसभा के सामने विशाल महा धरना दिया जाएगा। इस दिन सभी शिक्षक और कर्मचारी उपवास रखेंगे।
शैक्षणिक हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान
आज मोर्चा के वरीय नेताओं की बैठक आयोजित हुई, जिसमें सर्वसम्मति से 11 मार्च की शैक्षणिक हड़ताल को पूरी तरह सफल बनाने का निर्णय लिया गया। सभी शिक्षकों और कर्मचारियों से हड़ताल को शत-प्रतिशत सफल बनाने की अपील की गई।
बैठक में कई वरिष्ठ नेता रहे उपस्थित
बैठक में कुंदन कुमार सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, अरविंद सिंह, देवनाथ सिंह, चंदेश्वर पाठक, गणेश महतो, नरोत्तम सिंह, अनिल तिवारी, बिरसो उरांव, रेशमा बेक, रघु विश्वकर्मा, संजय कुमार, मुरारी प्रसाद सिंह, मनोज कुमार, मनीष कुमार और रणजीत मिश्रा समेत सभी वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
इस निर्णय की जानकारी प्रेस को मनीष कुमार और अरविंद सिंह ने दी।