2 अक्टूबर को वित्त रहित शिक्षकों का उपवास
गांधी जयंती के दिन, जब स्कूल और इंटर कॉलेज बंद रहेंगे, तब भी वित्त रहित मोर्चा के करीब 9 से 10 हजार शिक्षक और कर्मचारी 75% अनुदान वृद्धि और राज्य कर्मी का दर्जा मिलने की मांगों को लेकर उपवास पर रहेंगे।
75% अनुदान वृद्धि की मांग
वित्त रहित शिक्षकों के लिए 75% अनुदान वृद्धि की संचिका को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने वित्त विभाग के पास भेजा था। विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद यह संचिका वित्त विभाग में गई, लेकिन कुछ टिप्पणियों के बाद इसे शिक्षा विभाग को वापस कर दिया गया। अब इसे फिर से वित्त सचिव के पास भेज दिया गया है और जल्द ही यह संचिका वित्त मंत्री के पास अनुमोदन के लिए जाएगी।
राज्य कर्मी का दर्जा मिलने में देरी
कार्मिक विभाग में राज्य कर्मी का दर्जा देने की संचिका पर कार्रवाई में तेजी नहीं हो रही है। इस वजह से शिक्षकों में असंतोष है, और वे इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
7 अक्टूबर को राजभवन पर महाधरना
अगर 2 अक्टूबर तक कैबिनेट में संचिका नहीं भेजी गई, तो 9 से 10 हजार शिक्षक 7 अक्टूबर को राजभवन पर महाधरना देंगे। मोर्चा की बैठक में इस निर्णय पर सहमति जताई गई, जो गणेश महतो की अध्यक्षता में हुई।
मुख्यमंत्री से न्याय की अपील
बैठक में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया कि वित्त विभाग से संचिका मंगाकर इसे मंत्री परिषद में भेजा जाए, ताकि शिक्षकों को उनका हक मिल सके।
बैठक में शामिल शिक्षक नेता
बैठक में हरिहर प्रसाद कुशवाहा, रघुनाथ सिंह, कुंदन कुमार सिंह, फजलुल कादरी अहमद, देवनाथ सिंह, अरविंद सिंह, मनोज कुमार तिर्की, नरोत्तम सिंह, रेशमा बेक, सुषमा टोप्पो, रघु विश्वकर्मा, मनीष कुमार, राखी कुमारी, पंकज पाठक, अर्जुन पांडे सहित कई शिक्षक उपस्थित थे। बैठक के निर्णय की जानकारी मनीष कुमार और अरविंद सिंह ने प्रेस को दी।