शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती झारखंड

शंकराचार्य का रांची आगमन: गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने का अभियान.

झारखंड/बिहार

5 अक्टूबर 2024 को झारखंड की राजधानी रांची में शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज का आगमन होगा। उनका उद्देश्य गोध्वज को स्थापित करना और गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराना है।

सनातन धर्म में गौ की महिमा

सनातन धर्म में वेद, उपनिषद, और पुराणों सहित सभी धर्मशास्त्रों में गौमाता की महिमा बताई गई है। गाय को एक पशु नहीं बल्कि माता का दर्जा दिया गया है, जो सनातन धर्मी हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। इस धार्मिक भावना के आधार पर, संविधान और कानून में गौमाता को राज्य सूची से हटाकर केंद्रीय सूची में डालने का प्रयास किया जा रहा है। यह अभियान गोहत्या मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से पूरे देश में चलाया जा रहा है।

गौरक्षा आंदोलन का इतिहास

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही गौमाता की प्रतिष्ठा और रक्षा के लिए कई प्रयास किए गए हैं। 1966 में धर्म सम्राट यतिचक्रचूड़ामणि पूज्य करपात्री जी महाराज के नेतृत्व में गौरक्षा आंदोलन हुआ था, जिसमें हजारों गौभक्तों ने बलिदान दिया था। इसी दिशा में, पूज्य गोपाल मणि जी ने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन का नेतृत्व कर इसे देशभर में जीवंत रखा और इस पवित्र अभियान को चारों पीठों के शंकराचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।

गौ प्रतिष्ठा आंदोलन और गोध्वज स्थापना यात्रा

गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने और गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए देशभर में ‘गौ संसद’ का आयोजन हुआ। इसमें रामा गौ प्रतिष्ठा संहिता बिल सहित 42 बिंदुओं का धर्मादेश पारित किया गया। गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के अंतर्गत, ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा का निर्देशन किया है, जो 22 सितंबर से 26 अक्टूबर तक चलेगी।

झारखंड में गोध्वज स्थापना

झारखंड की राजधानी रांची में शंकराचार्य जी का आगमन 4 अक्टूबर की शाम को होगा और 5 अक्टूबर को वे गो ध्वज की स्थापना करेंगे। इस अवसर पर वे गो महासभा को भी संबोधित करेंगे। इसके बाद वे ओडिशा के लिए प्रस्थान करेंगे।

गो प्रतिष्ठा आंदोलन का लक्ष्य

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत के गोभक्तों को एकजुट करना है। गोमाता की दुर्दशा और गोहत्या के कलंक को मिटाकर उन्हें राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाना इस आंदोलन का उद्देश्य है।

गो प्रतिष्ठा महासम्मेलन: दिल्ली में निर्णायक आयोजन

गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा के समापन के बाद, 7-9 नवंबर को दिल्ली में तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी गो प्रतिष्ठा महासम्मेलन आयोजित होगा। इस सम्मेलन में गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने और गोहत्या पर रोक लगाने के लिए सरकार से निर्णायक मांग की जाएगी।

रांची में तैयारियों का आयोजन

15 सितंबर 2024 को, शंकराचार्य के प्रतिनिधि और यात्रा संयोजक ब्रह्मचारी मुकुंदानंद जी, गोभक्त विकास पाटनी जी और अन्य सदस्यों ने रांची में मीडिया को संबोधित किया।

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