वित्त रहित शिक्षक- अनुदान की राशि लेफ्ट होने की संभावना.

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45 दिन बचे, अब तक शुरू नहीं हुई ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं होने से अनुदान वितरण में देरी संभव

वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुदान के लिए मात्र डेढ़ माह का समय शेष है, लेकिन अभी तक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया विभाग द्वारा प्रकाशित नहीं की गई है। अनुदान आवेदन भरने के लिए स्कूल-कॉलेजों को एक माह का समय दिया जाता है, जबकि 15 दिन जैक (JAC) एवं जिला शिक्षा पदाधिकारियों को कागजात जांचकर अनुशंसा भेजने के लिए निर्धारित होते हैं। इसके बाद जैक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा कार्रवाई में 15 दिन और लगते हैं।

अनुदान समिति की बैठक के बाद राशि जिला कोषागार में जाती है और वहां से स्कूल-कॉलेजों के खातों में पहुंचने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगता है। अंतिम समय में अनुदान राशि भेजे जाने के कारण 31 मार्च को यदि राशि जारी होती है तो यह लैप्स (लेफ्ट) हो जाती है, जिससे इसे प्राप्त करने में 7-8 महीने लग जाते हैं।

पिछले वर्षों में भी हुई थी गड़बड़ी

पूर्व में वित्तीय वर्ष की प्रक्रिया सितंबर-अक्टूबर तक समाप्त कर दी जाती थी और नवंबर माह के अंत तक जैक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारियों की अनुशंसा विभाग को भेज दी जाती थी। लेकिन पिछले साल अंतिम समय में ऑफ़लाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने के कारण जल्दबाजी में निर्णय लिए गए, जिससे अनुदान वितरण में भारी गड़बड़ी हुई। कई स्कूल-कॉलेजों को सभी कागजात पूरे होने के बावजूद अनुदान नहीं मिल सका, जिसे अपीलीय अभ्यावेदन के बाद जारी किया गया।

विभागीय पोर्टल अब तक तैयार नहीं

अनुदान के लिए विभागीय पोर्टल पिछले एक वर्ष से अधिक समय से तैयार किया जा रहा है, लेकिन अब तक इसे शुरू नहीं किया गया है। वर्तमान में केवल 45 दिन बचे हैं, ऐसे में अनुदान के ऑनलाइन आवेदन, जैक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारियों की अनुशंसा और विभागीय कार्रवाई कैसे होगी, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।

मोर्चा ने सरकार को चेताया, सड़क पर उतरने की तैयारी

आज मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की गई। बैठक में तय किया गया कि:

  1. इस संबंध में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
  2. विधानसभा सत्र के दौरान प्रदर्शन और धरना दिया जाएगा।
  3. मोर्चा अनुदान की राशि सीधे संस्थाओं या शिक्षकों-कर्मचारियों के खातों में भेजने की मांग को लेकर उग्र आंदोलन करेगा।

मोर्चा के नेताओं कुंदन कुमार सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादिर अहमद, अरविंद सिंह, गणेश महतो, नरोत्तम सिंह, मनीष कुमार, संजय कुमार और मुरारी प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार वित्त रहित संस्थानों के प्रति उदासीन है, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

नेताओं ने स्पष्ट किया कि यदि 20 फरवरी तक स्कूली शिक्षा विभाग ने अनुदान के ऑनलाइन आवेदन की तिथि घोषित नहीं की, तो मोर्चा के 10,000 शिक्षक-कर्मचारी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। वित्त रहित शिक्षकों के लिए अनुदान ही एकमात्र सहारा है, लेकिन विभाग इस ओर गंभीर नहीं है।

संघर्ष की तैयारी में मोर्चा, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होगी

मोर्चा के पशुपति महतो, रेशमा बेक, मनोज तिर्की, रघु विश्वकर्मा और चंदेश्वर पाठक ने कहा कि अब संघर्ष का समय आ गया है। उन्होंने वित्त रहित शिक्षकों-कर्मचारियों से आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।

बैठक में राज्य कर्मचारी का दर्जा देने और अनुदान में 75% की वृद्धि के लिए उच्च न्यायालय में जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए अरविंद सिंह, देवनाथ सिंह, मुरारी प्रसाद सिंह, गणेश महतो और नरोत्तम सिंह को हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल करने के लिए अधिकृत किया गया।

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