वित्त रहित मोर्चा की चेतावनी: 25 फरवरी तक विज्ञप्ति नहीं तो बहिष्कार।

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वित्त रहित मोर्चा ने दी चेतावनी, 25 फरवरी तक विज्ञप्ति नहीं तो बहिष्कार

विज्ञप्ति जारी नहीं हुई तो अनुदान प्रपत्र नहीं भरेंगे

झारखंड वित्त रहित मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि 25 फरवरी की शाम तक वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुदान भरने की विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं हुई, तो वे अनुदान प्रपत्र भरने का बहिष्कार करेंगे।

पोर्टल में गड़बड़ी, अनुदान राशि लैप्स होने का खतरा

वित्त रहित स्कूलों और इंटर कॉलेजों के अनुदान से जुड़ा पोर्टल अब तक तैयार नहीं हो सका है। तकनीकी गड़बड़ियों के कारण वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुदान की राशि लैप्स होने की संभावना जताई जा रही है।

18 माह से पोर्टल तैयार नहीं, ऑफलाइन आवेदन का सहारा

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग पिछले 18 महीनों से पोर्टल बनवा रहा है, लेकिन अब तक इसे लॉन्च नहीं किया जा सका। पिछले वर्ष भी पोर्टल नहीं बनने के कारण अंतिम समय में ऑफलाइन आवेदन भरवाने का निर्णय लिया गया था।

दिल्ली की कंपनी को ठेका, ₹5 लाख अग्रिम भुगतान के बावजूद काम अधूरा

पोर्टल बनाने की जिम्मेदारी एक दिल्ली की कंपनी को दी गई थी, जिसे ₹5 लाख अग्रिम भुगतान भी किया गया। लेकिन 18 महीने बीत जाने के बाद भी तकनीकी समस्याएं बनी हुई हैं और पोर्टल तैयार नहीं हो सका।

डिग्री कॉलेज के लिए पोर्टल तैयार, लेकिन स्कूलों के लिए नहीं

दिल्ली की कंपनी ने बहुत कम समय में संबद्ध डिग्री कॉलेज के लिए अनुदान पोर्टल तैयार कर दिया, जिसे मुख्यमंत्री ने लांच भी कर दिया। लेकिन वित्त रहित स्कूलों और इंटर कॉलेजों के लिए अब तक कोई पोर्टल नहीं बन पाया।

केवल 35 दिन बचे, अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं

वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुदान के लिए अब सिर्फ 35 दिन बचे हैं। ना तो पोर्टल तैयार हुआ है और ना ही अनुदान भरने की विज्ञप्ति जारी की गई है। पहले अनुदान प्रपत्र भरने की प्रक्रिया सितंबर-अक्टूबर में पूरी हो जाती थी, और 30 नवंबर तक अनुशंसा भी भेज दी जाती थी, लेकिन इस बार अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

प्रक्रिया में देरी, स्कूलों को कितना समय मिलेगा?

अनुदान प्रपत्र भरने के लिए स्कूलों और कॉलेजों को आमतौर पर एक माह का समय दिया जाता है, जबकि जैक और जिला शिक्षा पदाधिकारी को 15 दिन का समय दिया जाता रहा है। अब जबकि केवल 35 दिन शेष हैं, तो सवाल उठता है कि स्कूल-कॉलेजों को कितना समय मिलेगा और अनुशंसा की प्रक्रिया कैसे होगी?

600 स्कूल, 8000 शिक्षक प्रभावित

राज्य भर के लगभग 600 स्कूल, इंटर कॉलेज, संस्कृत विद्यालय और मदरसे अनुदान के लिए आवेदन करते हैं। इन संस्थानों में 8000 से अधिक शिक्षक-कर्मचारी कार्यरत हैं, जो इस अनिश्चितता से प्रभावित हो रहे हैं।

शिक्षा सचिव से वार्ता, लेकिन समस्या जस की तस

कुछ दिन पहले मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रभारी सचिव उमाशंकर सिंह से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा था। शिक्षा सचिव ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही समाधान निकाला जाएगा और यदि आवश्यक हुआ तो ऑफलाइन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए प्रभारी अवर सचिव को निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।

मोर्चा का अल्टीमेटम – दो दिन में विज्ञप्ति नहीं तो बहिष्कार

हरिहर प्रसाद कुशवाहा की अध्यक्षता में हुई मोर्चा की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि दो दिनों के अंदर अनुदान भरने की विज्ञप्ति जारी नहीं हुई और प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो राज्य के 600 स्कूल और इंटर कॉलेज अनुदान प्रपत्र नहीं भरेंगे।

अनुदान प्रपत्र भरने के लिए 20 दिन की मांग

बैठक में कहा गया कि स्कूल और कॉलेजों को अनुदान प्रपत्र भरने के लिए कम से कम 20 दिन का समय दिया जाए। विगत वर्ष ऑफलाइन प्रक्रिया में इस्तेमाल किए गए प्रपत्रों को ही लागू किया जाए। अंतिम समय में कोई नया प्रपत्र दिया गया तो स्कूल-कॉलेज उसका बहिष्कार करेंगे।

अनुदान जांच में डीईओ को अलग रखने की मांग

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अनुदान प्रक्रिया की जांच में डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) को अलग रखा जाए।

25 फरवरी तक विज्ञप्ति नहीं तो 10,000 शिक्षक उपवास पर

यदि 25 फरवरी की शाम तक अनुदान की विज्ञप्ति जारी नहीं हुई, तो राज्यभर के 10,000 शिक्षक और कर्मचारी उपवास पर रहेंगे।

बैठक में शामिल प्रमुख लोग

इस बैठक में कुंदन कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, फजलुल कदीर अहमद, मनीष कुमार, गणेश महतो, अरविंद सिंह, देवनाथ सिंह, अनिल तिवारी, रेशमा बेक, नरोत्तम सिंह, संजय कुमार, चंदेश्वर पाठक, रघु विश्वकर्मा, विनय उरांव, भागीरथ पासवान, मुरारी प्रसाद सिंह और रंजीत मिश्रा उपस्थित थे।

प्रेस को जानकारी दी गई

अध्यक्ष मंडल की बैठक की जानकारी प्रेस को मनीष कुमार और अरविंद सिंह ने दी।

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