राज्यपाल- ‘विकसित भारत@2047’ के लक्ष्य में बेटियों की अहम भूमिका।

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झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत की। इस दौरान उन्होने अपने संंबोधन में कई बातों का उल्लेख किया। उन्होने कहा कि, देश की प्रमुख औद्योगिक नगरी एवं लौहनगरी के रूप में प्रसिद्ध जमशेदपुर स्थित जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर, कुलाधिपति के रूप में मैं आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। आज डिग्री प्राप्त करने वाली सभी बेटियों को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ। उनके अभिभावक एवं समर्पित शिक्षक भी बधाई के पात्र हैं, जिनके त्याग एवं परिश्रम का इसमें अमूल्य योगदान रहा है।

आपकी सफलता का प्रमाण पत्र मात्र एक डिग्री नहीं

छात्राओं, आज का दिन आपके परिश्रम, समर्पण और संघर्ष की सफलता का प्रमाण है। यह प्रमाण-पत्र केवल एक डिग्री नहीं, बल्कि आपके ज्ञान, प्रतिबद्धता और उत्तरदायित्व का प्रमाण है। आपको अपनी इस शिक्षा का उपयोग समाज और राष्ट्र के निर्माण में करना है। शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री हासिल करना नहीं, बल्कि अर्जित ज्ञान का समाज और राष्ट्र के कल्याण में उपयोग करना है।

जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय का विशेष स्थान

मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय कोल्हान क्षेत्र में एक विशेष स्थान रखता है। एक इंटरमीडिएट कॉलेज से एक पूर्ण विश्वविद्यालय बनने तक इस संस्थान ने महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभाई है। यहाँ की कई पूर्व छात्राओं ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है। राज्य में महिलाओं की शिक्षा और उनकी सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए यह विश्वविद्यालय सराहनीय योगदान दे रहा है।

महान हस्तियों का योगदान

1962 में महान दूरदर्शी एवं परोपकारी भारत रत्न जे.आर.डी. टाटा ने इस कॉलेज को शहर के मध्य में विशाल मैदान के साथ भवन उपलब्ध कराया, जिससे यह विकास के नए चरण में प्रवेश कर सका। महिला शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले सभी महान विभूतियों को हम नमन करते हैं। इस अवसर पर मैं वर्ष 2024 में दिवंगत हुए रतन टाटा जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिन्होंने शिक्षा और समाज सेवा में भी अनुकरणीय योगदान दिया।

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए आदर्श केंद्र बनने की ओर अग्रसर

वैश्वीकरण के इस युग में, हमारे विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को हमारी छात्राओं को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए। हमारा लक्ष्य ऐसा माहौल बनाना है, जहाँ यह विश्वविद्यालय पूरे राज्य और देश में लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए एक आदर्श केंद्र के रूप में पहचाना जाए।

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और शिक्षा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का कार्य किया है। इस योजना ने बालिकाओं को शिक्षा ग्रहण करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया है।

स्नातक छात्राओं के लिए सफलता के मंत्र

प्रिय उपाधिधारक बेटियाँ, याद रखें कि जैसे ही आप पेशेवर दुनिया में प्रवेश करेंगी, अपना रास्ता समझदारी से चुनें और अनुशासन बनाए रखें। खुद पर विश्वास रखें और चुनौतियों को विकास के अवसर के रूप में देखें। आपके द्वारा सीखे गए मूल्य जीवन भर आपका मार्गदर्शन करेंगे।

आपकी क्षमताएँ असीमित हैं

आपकी क्षमताएँ असीमित हैं। यदि आप अपने ज्ञान, परिश्रम और आत्मविश्वास का पूरा उपयोग करेंगी, तो कोई भी बाधा आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। आपकी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प ही सफलता की कुंजी हैं। आपके प्रयासों से न केवल विश्वविद्यालय, बल्कि पूरे जमशेदपुर की छवि ‘महिला शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र’ के रूप में स्थापित हो सकती है।

महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और सफलता

आज, हमारे देश की महिलाएँ विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। वे अब केवल पारंपरिक भूमिकाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, शिक्षक, प्रशासक और एथलीट के रूप में उत्कृष्टता प्राप्त कर रही हैं। नेल्सन मंडेला ने कहा था कि “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं।” वहीं, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के शब्दों में, “मैं किसी समाज की प्रगति को महिलाओं की प्रगति से मापता हूँ।”

महिला शिक्षा का उज्ज्वल भविष्य

मुझे यह देखकर अत्यंत गौरव की अनुभूति होती है कि हमारी बेटियाँ शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। विभिन्न विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में अक्सर देखने को मिलता है कि पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक होती है। कहा जाता है कि “जब एक बेटी शिक्षित होती है, तो वह पूरे परिवार और समाज को शिक्षित करती है।”

उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ

मैं विश्वविद्यालय परिवार के सभी शिक्षकों और कर्मियों को इस संस्थान के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ। साथ ही, उपाधि प्राप्त करने वाली सभी छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देता हूँ। आप अपने लक्ष्य की ओर निर्भीकता से बढ़ें, अपने ज्ञान और आचरण से समाज के विकास में योगदान दें और एक अच्छे नागरिक के रूप में राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें।

 

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