मुख्य बिंदु-
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भगवान बिरसा मुंडा की “Statue of Strength” रांची में स्थापित की जाएगी।
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यह प्रतिमा झारखंड की वीरता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनेगी।
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परियोजना के तहत पहाड़ी पर पार्क, कैफेटेरिया, पार्किंग और सड़क निर्माण की योजना।
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स्थानीय महिलाओं को IHM के माध्यम से आतिथ्य सेवा का प्रशिक्षण देने का निर्णय।
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बायोडायवर्सिटी पार्क में न्यूट्रीशन पार्क बनाने का प्रस्ताव।
रांची में स्थापित होगी भगवान बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा
झारखंड के पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान को एक नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने एक पहल की है। नगर विकास एवं पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने घोषणा की है कि रांची-टाटा मार्ग स्थित नामकुम प्रखंड के हाहाप पंचायत में भगवान बिरसा मुंडा की विशाल प्रतिमा “Statue of Strength” के रूप में स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा झारखंड की वीरता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनेगी और राज्य के पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी। मंत्री सुदिव्य कुमार ने बायोडायवर्सिटी पार्क और नामकुम प्रखंड के हाहाप पंचायत क्षेत्र में प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। मंत्री ने कहा कि यह परियोजना झारखंड के इतिहास, संस्कृति और पर्यटन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करेगी।

भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण
मंत्री सुदिव्य कुमार ने इस परियोजना के लिए हाहाप पंचायत क्षेत्र के विभिन्न स्थानों का दौरा किया और भगवान बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा के निर्माण के लिए उपयुक्त स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि रांची-टाटा मार्ग के पास स्थित एक विशाल पहाड़ी को इस परियोजना के लिए विशेष रूप से चुना गया है। इस पहाड़ी पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जो राज्य के वीरता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बनेगी।
यह प्रतिमा न केवल एक ऐतिहासिक महत्व रखेगी, बल्कि पर्यटन के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को सम्मानित करना है, बल्कि यह झारखंड के पर्यटन को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने का प्रयास भी है।

परियोजना के तहत कई विकास कार्य होंगे
मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि इस परियोजना के तहत पहाड़ी की चोटी पर भगवान बिरसा मुंडा की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, पहाड़ी क्षेत्र में एक पार्क, कैफेटेरिया, पार्किंग और चढ़ाई के लिए सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।
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यह कदम न केवल भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का अवसर होगा, बल्कि यह झारखंड के पर्यटन क्षेत्र में भी नई जान डालेगा। मंत्री ने इस बात का भी उल्लेख किया कि प्रतिमा के आसपास की इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास झारखंड के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा।
स्थानीय महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर
इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय महिलाओं को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। मंत्री ने बायोडायवर्सिटी पार्क के निरीक्षण के दौरान यह निर्देश दिया कि स्थानीय महिलाओं को IHM (इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट) के माध्यम से आतिथ्य सेवा में प्रशिक्षण दिया जाए। यह पहल उन्हें पर्यटन उद्योग में रोजगार के अवसर प्रदान करेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
आईएचएम के माध्यम से महिलाओं को होटल प्रबंधन और आतिथ्य सेवा में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे पर्यटन से जुड़ी सेवाओं में काम करने के लिए सक्षम हो सकेंगी। यह कदम न केवल महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
बायोडायवर्सिटी पार्क में न्यूट्रीशन पार्क का निर्माण
मंत्री सुदिव्य कुमार ने यह भी घोषणा की कि बायोडायवर्सिटी पार्क में एक न्यूट्रीशन पार्क का निर्माण किया जाएगा। इस पार्क का उद्देश्य पर्यटकों के लिए पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करना होगा। न्यूट्रीशन पार्क में पर्यटकों के लिए विभिन्न स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों की सुविधा होगी, जो पर्यटकों के अनुभव को और भी बेहतर बनाएगा।
इस पार्क के निर्माण से झारखंड के पारंपरिक खाद्य पदार्थों को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन उद्योग में एक नया आयाम जुड़ जाएगा। यह कदम झारखंड के पारंपरिक खाद्य और स्वास्थ्य संसाधनों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का अवसर प्रदान करेगा।
निष्कर्ष
झारखंड के पर्यटन और सांस्कृतिक गौरव को नया दिशा देने वाली इस परियोजना से राज्य को न केवल एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल मिलेगा, बल्कि यह परियोजना स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर भी प्रदान करेगी। भगवान बिरसा मुंडा की “Statue of Strength” का निर्माण न केवल राज्य की वीरता और संस्कृति को सम्मानित करेगा, बल्कि झारखंड को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा।
इस परियोजना का सफल कार्यान्वयन राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी धरोहर बनेगा।