रविवार 21 अप्रैल को रांची के प्रभात तारा मैदान में उलगुलान न्याय महारैली का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगे, कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल की ओर से तेजस्वी यादव के साथ ही इंडिया गठबंधन के सभी प्रमुख घटक दलों के लोग शामिल रहेंगे।
झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से बताया जा रहा है कि, झामुमो के गठन के बाद यह सबसे बड़ी रैली पार्टी के नेतृत्व में होने जा रही है। रैली के सफल आयोजन को लेकर के ना सिर्फ झामुमो बल्कि कांग्रेस और राजद ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। झामुमो की तरफ से बताया गया है कि इस रैली में झारखंड के साथ ही ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार से भी कार्यकर्ता शामिल होंगे।
रैली के सफल आयोजन को लेकर के पूरे रांची शहर में होर्डिंग बैनर पोस्टर लगाया जा रहे हैं। हालांकि, इसे लेकर भाजपा ने भी कटाक्ष किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी कहते हैं कि, महारैली के बैनर पोस्टर से मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को बाहर कर दिया गया है। यह सिर्फ एक परिवार का आयोजन भर रह गया है। झामुमो ने इसके उत्तर में कहा कि, बाबूलाल मरांडी धृतराष्ट्र हो गए हैं उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता है। बीजेपी के की तरफ से यहां तक कहा जा रहा कि, यह आयोजन सिर्फ फैमिली गिफ्ट टुगेदर है।
हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले रांची के पूर्व सांसद रामटहल चौधरी कहते हैं कि, यह रैली मील का पत्थर साबित होने जा रही है। उन्होंने कहा कि, इस रैली की हवा पूरे चुनाव के दौरान आपको बहती हुई नजर आएगी। हालांकि, खुद रामटहल चौधरी को अब तक रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस का टिकट नहीं मिला है जिसका वे बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बहरहाल, रांची के प्रभात तारा मैदान में लाखों रुपए खर्च करके इस रैली को सफल बनाने की कोशिश की जा रही है। झारखंड पार्टी के नेता और पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार कहते हैं कि, यह सिर्फ पैसे की फिजूल खर्ची है। बेहतर यह होता कि मैदान में एक स्थाई स्ट्रक्चर बना दिया जाता ताकि तमाम दलों के लोग वहां कार्यक्रम कर सकते। अजीत कुमार की यह बात सभी दलों पर लागू होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गैर मौजूदगी में उनकी धर्मपत्नी कल्पना सोरेन ने जिस तरह इस आयोजन के सफल बनाने को लेकर भूमिका निभाई है। इसका आकलन रविवार को होगा। यह उनके राजनीतिक कैरियर का पहला सबसे बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है। हेमंत सोरेन की गैर मौजूदगी में पार्टी को वार्म अप करने और पार्टी कार्यकर्ताओं को एक्टिव करने के लिए भी यह रैली बेहद जरूरी मानी जा रही है।
अंत में देखना यह दिलचस्प होगा कि, उलगुलान न्याय महारैली के माध्यम से इंडिया गठबंधन के लोगों का मैसेज झारखंड की सवा 3 करोड़ जनता और पूरे देश केी सवा अरब की जनता के लिए क्या कुछ होता है। या फिर यह रैली सिर्फ राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप तक सीमित रह जाती है।