पृथ्वी दिवस के अवसर पर रांची के संत ज़ेवियर्स कॉलेज सभागार में “वन अर्थ, नो प्लान बी” विषय के तहत जिओ क्लब भूगोल विभाग और आई.क्यू.ए.सी के संयुक्त तत्वधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. फादर नाबोर लकड़ा ने किया।
भूगोल विभाग के प्राध्यापक डॉ. राजीव रंजन श्रीवास्तव ने बढ़ते पर्यावरण निम्नीकरण के मुद्दों के बारे में बात करते हुए ऊर्जा संरक्षण करने और नवीकरणीय संसाधनों की ओर बदलाव करने का सुझाव दिया। इसके बाद कॉलेज के विद्यार्थियों के द्वारा बनायी हुई प्रस्तुति दिखायी गई। जिसमें झारखंड एवं पर्यावरण बदलाव के मुख्य मुद्दों को लोगों के सामने रखा गया। कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि पर्यावरण संरक्षक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि, हमारे युवा पृथ्वी के पर्यावरण व्यव्यवस्था के स्तंभ हैं। अगर धरती को समझना है तो आदिवासी जीवन शैली को समझना होगा।
आमंत्रित अतिथि वन संरक्षक एवं राज्य सिल्वीकल्चरिस्ट स्मिता पंकज ने माइक्रो प्लास्टिक से होने वाले नुक़सान के बारे में बताया और सिंगल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक को प्रयोग नहीं करने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि, हमारी अच्छी आदतें ही पृथ्वी को दुबारा स्वच्छ होने में सहायता कर सकती हैं।
प्रधानाचार्य डॉ फ़ादर नाबोर लकड़ा, एस.जे. ने छात्रों को संबोधित करके हुए प्रकृति की रक्षा के लिए कॉलेज की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, “संत जेवियर्स कॉलेज रांची उन जिम्मेदार वैश्विक नागरिकों के पोषण के लिए प्रतिबद्ध है जो पर्यावरण प्रबंधन के महत्व को समझते हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिमेष रॉय, आई क्यू ए सी कॉर्डिनेटर डॉ. शिव कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो. बी के सिन्हा, डॉ. अजय श्रीवास्तव, डॉ. नुसरत, डॉ. संदीप चंद्र, डॉ. मधुमिता मिंज सहित 300 विद्यार्थी मौजूद रहे।